70 बड़े संकटग्रस्त खातों के समाधान के लिए RBI की समयसीमा समाप्त

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[email protected] । Aug 28 2018 1:13PM

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 70 बड़े संकटग्रस्त खातों के समाधान को लेकर निर्धारित समयसीमा आज खत्म हो गयी और आरबीआई की ओर से इसके विस्तार के कोई संकेत नहीं दिये गये हैं।

मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 70 बड़े संकटग्रस्त खातों के समाधान को लेकर निर्धारित समयसीमा आज खत्म हो गयी और आरबीआई की ओर से इसके विस्तार के कोई संकेत नहीं दिये गये हैं। भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि समयसीमा का बैंकों के प्रावधान पर कोई ठोस प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि बैंक पहले से ही इन खातों के समाधान की प्रकिया में लगे हुये हैं।

आरबीआई ने इन 70 कर्ज खातों की समाधान योजना को अंतिम रूप देने के लिये बैंकों को 180 दिन का समय दिया था जो आज समाप्त हो गया। इन खातों में बैंकों का कुल 3800 अरब रुपये का कर्ज फंसा है। आरबीआई ने परिपत्र में बैंकों से एक दिन की चूक वाली विद्युत परियोजनाओं को भी फंसे कर्ज के तौर पर पहचान करने और 180 दिन के अंदर अपनी समाधान कार्यवाही को पूरा करने को कहा था।

प्रक्रिया में नाकाम रहने पर 2,000 करोड़ रुपये या उससे अधिक वाले ऐसे ऋण खातों को दिवालिया कार्यवाही के लिये राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के पास भेजने होंगे। भारतीय बैंक संघ (आईबीए) की सालाना आम बैठक से इतर कुमार ने कहा, "27 अगस्त की समयसीमा का प्रावधान आवश्यकताओं पर कोई ठोस प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि उनमें से अधिकतर की पहचान डूबे कर्ज के रूप में वर्गीकृत किए जा चुके हैं।

कुमार ने कहा कि 34 संकटग्रस्त बिजली कंपनियों के खातों में से 16 को पहले ही एनसीएलटी के पास भेजा जा चुका है, इनका कुल मूल्य 1740 अरब डॉलर है और सात मामलों में समाधान प्रक्रिया अंतिम चरण में है।

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