रिजर्व बैंक, सेबी ने कहा- वित्तीय बाजारों पर है नजर, कार्रवाई के लिये हैं तैयार

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[email protected] । Sep 24 2018 12:25PM

घरेलू शेयर बाजार में बीते शुक्रवार को कुछ समय के लिये आयी तेज गिरावट के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और बाजार नियामक सेबी ने रविवार को कहा कि वह वित्तीय बाजार पर करीब से नजर रखे हुए हैं और जरूरत पड़ने पर उचित कार्रवाई के लिये तैयार हैं।

मुंबई। घरेलू शेयर बाजार में बीते शुक्रवार को कुछ समय के लिये आयी तेज गिरावट के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और बाजार नियामक सेबी ने रविवार को कहा कि वह वित्तीय बाजार पर करीब से नजर रखे हुए हैं और जरूरत पड़ने पर उचित कार्रवाई के लिये तैयार हैं। अगले सप्ताह सोमवार को कारोबार शुरू होने पर बाजारों में तीव्र उतार-चढ़ाव की आशंका के बीच दोनों नियामकों ने रविवार को अलग-अलग एक जैसा बयान जारी किया है। केंद्रीय बैंक और सेबी ने अलग-अलग बयान में कहा, "आरबीआई और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) वित्तीय बाजार में हाल में आये उतार-चढ़ाव पर करीब से नजर रखे हुए हैं और जरूरत पड़ने पर उचित कार्रवाई के लिये तैयार हैं।

"सूत्रों ने कहा कि सेबी ने शेयर बाजारों से शुक्रवार को हुये बड़े सौदों के बारे में जानकारी भी मांगी है और बाजार में तेज घट-बढ़ को रोकने के लिये दृढ़ता से नजर रखेगी। बंबई शेयर बाजार का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स शुक्रवार को मजबूती के साथ खुला और दोपहर के कारोबार में अचानक 1,127.58 अंक यानी 3.03 प्रतिशत का गोता लगाकर 35,993.64 अंक के न्यूनतम स्तर पर आ गया।

हालांकि, बाद में इसमें तेजी से सुधार भी आया। अंत में सेंसेक्स 279.62 अंक की गिरावट के साथ 36,841.60 अंक पर बंद हुआ। पूरे कारोबार के दौरान इसमें 1,495.60 अंक का उतार-चढ़ाव देखा गया। नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 91.25 अंक की गिरावट के साथ 11,143.10 अंक पर बंद हुआ। बाजार में लगातार चौथे दिन गिरावट दर्ज की गयी और इससे निवेशकों को 5.6 लाख करोड़ रुपये की चपत लगी।

इस बीच, कुछ ऐसी खबरें भी आई हैं, जिनमें कहा गया है कि सरकार की छवि को खराब करने के लिये कुछ शरारती तत्व जानबूझकर बाजार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। आवास वित्त कंपनियों के शेयर शुक्रवार को तेजी से गिरे। नकदी संकट की आशंकाओं को देखते हुये डीएचएफएल के शेयर में 42 प्रतिशत तक गिरावट दर्ज की गई। बाजार नियामक सेबी ने शुक्रवार को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिये केवाईसी नियमों में संशोधन किया था।

विदेशी निवेशकों ने इस महीने अब तक भारतीय पूंजी बाजारों से 15,365 करोड़ रुपये (2.1 अरब डॉलर) की निकासी की है। जबकि अगस्त और जुलाई महीने में निवेशकों ने बाजार में निवेश किया था। एफपीआई की ओर से निकासी की अहम वजह वैश्विक स्तर पर व्यापार मोर्चे पर बढ़ता तनाव और चालू खाते के घाटे की चिंता बताई जा रही है। अस्थायी आंकड़ों के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) बुधवार को शुद्ध रूप से बिकवाल रहे और उन्होंने 2,184.55 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।

वहीं, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 1,201.30 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे। वहीं, व्यापार मोर्चे पर तनाव बढ़ने की आशंकाओं के चलते पिछले दिनों रुपये की विनिमय दर में तेज गिरावट दर्ज की गयी। हालांकि, शुक्रवार के कारोबारी दिन में डॉलर के मुकाबले रुपये 17 पैसे चढ़कर 72.20 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ। 

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