अक्टूबर-मार्च के लिए उधार कार्यक्रम को अंतिम रूप देगा रिजर्व बैंक
उसका लक्ष्य इस वर्ष अपने राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए लघु बचत योजनाओं के जरिए आने वाले धन का अधिक इस्तेमाल करने का है।
नयी दिल्ली। वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी छमाही के लिए उधार कार्यक्रम तय करने के लिये कल बैठक करेंगे। सूत्रों ने बताया कि वर्ष 2018-19 के दौरान राजकोषीय घाटे को 3.3 प्रतिशत तक सीमित रखने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए अक्टूबर-मार्च की अवधि के लिए उधार लेने का कार्यक्रम तय किया जाएगा। सरकार ने 2018-19 के दौरान बांड के जरिये सकल कर्ज के लिए 6,05,539 करोड़ रुपये का बजट तय किया है। उसका लक्ष्य इस वर्ष अपने राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए लघु बचत योजनाओं के जरिए आने वाले धन का अधिक इस्तेमाल करने का है।
सरकार राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा कोष से भी एक लाख करोड़ रुपये उधार लेगी। हालांकि इसके लिए 75,000 करोड़ रुपये का बजट रखा गया था। इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में सरकार ने 2.88 लाख रुपये उधार लेने का निर्णय किया था। हालांकि पिछले वित्त वर्ष की आलोच्य छमाही में सरकार ने उधार के जरिए 3.72 लाख करोड़ रुपये जुटाये थे।
घोषित योजना के तहत सरकार बजटीय लक्ष्य के अनुसार पहले छह महीने में सकल कर्ज का 47.56 प्रतिशत पूरा कर लेगी। सरकार राजकोषीय घाटे की भरपाई के लिये बाजार से कर्ज लेती है। चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.3 प्रतिशत रहने का लक्ष्य रखा है जो पिछले वित्त वर्ष में 3.5 प्रतिशत था।
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