नीरव और चौकसी से जुड़ी 30 कंपनियों का पंजीकरण रद्द किया गया था: सरकार

Register of 30 companies connected with neerav and chauksi was canceled
[email protected] । Mar 13 2018 7:30PM

सरकार ने बताया कि नीरव मोदी समूह और मेहुल चिनूभाई चोकसी से संबंधित 107 कंपनियों और सीमित देयता भागीदारियों (एलएलपी) के कार्यों की जांच के आदेश दिये गये हैं तथा इनमें से 30 कंपनियों का पंजीकरण रद्द कर दिया गया है।

नयी दिल्ली। सरकार ने बताया कि नीरव मोदी समूह और मेहुल चिनूभाई चोकसी से संबंधित 107 कंपनियों और सीमित देयता भागीदारियों (एलएलपी) के कार्यों की जांच के आदेश दिये गये हैं तथा इनमें से 30 कंपनियों का पंजीकरण रद्द कर दिया गया है। विधि एवं न्याय तथा कार्पोरेट राज्य मंत्री पी पी चौधरी ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उनसे मोहम्मद अली खान ने यह प्रश्न किया था कि क्या सरकार ने हाल में कई फर्जी कंपनियों का पंजीकरण रद्द किया है और क्या इन कंपनियों में नीरव मोदी समूह द्वारा संवर्धित कंपनियां भी हैं? 

इसके जवाब में चौधरी ने कहा कि कंपनी कानून 2013 के अधीन ‘शैल’ कंपनियां परिभाषित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस कांनून की धारा 248(1)(ग) में ऐसी कंपनी का नाम कंपनियों के रजिस्टर से हटाने का प्रावधान है जो तत्काल पूर्ववर्ती दो वित्त वर्षो से कोई व्यवसाय नहीं चला रहीं या परिचालन में नहीं हैं तथा उस कंपनी ने धारा 455 के अधीन निष्क्रिय कंपनी का दर्जा प्राप्त करने के लिए उक्त अवधि में कोई आवेदन नहीं किया है। चौधरी ने कहा कि उपरोक्त प्रावधान के आधार पर 31 मार्च 2017 तक इस श्रेणी के अंतर्गत 2.97 लाख कंपनियों की पहचान की गयी। उचित प्रक्रिया का अनुसरण करने के बाद 31 दिसंबर 2017 तक 2,26,166 कंपनियों के नाम कंपनियों के रजिस्टर से हटा दिये गये। 

उन्होंने कहा कि सरकार ने नीरव मोदी और मेहुल चिनूभाई चोकसी से संबंधित 107 कंपनियों और सात एलएलपी के कार्यों की जांच के आदेश दिये हैं। यह जांच गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) द्वारा कंपनी कानून की धारा 216 के साथ धारा 212 (1)(ग) और एलएलपी कानून 2008 की धारा 43 (3)(ग)(झ) के अधीन किया जाना जाना है। उन्होंने कहा कि इनमें से 30 कंपनियों के नाम उपरोक्त 2,26,166 कंपनियों के नाम काटने का कार्य प्रारंभ करने से पूर्व काट दिये गये थे। इसी प्रश्न के अंग्रेजी में दिये गये उत्तर में कुछ अलग ही तथ्य दिये गये हैं। इसमें कहा गया है कि नीरव मोदी समूह द्वारा संवर्धित कंपनी उपरोक्त 2,26,166 कंपनियों की सूची में नहीं हैं क्योंकि इस समूह द्वारा संवर्धित कंपनी उस कानून की धारा 248 (1)(सी) के दायरे में नहीं आती जिसमें उपोरक्त कंपनियों का नाम हटाया गया है।

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