रिजर्व बैंक ने नीतिगत दरों को यथावत रखा, जानें मुख्य बातें...
मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं के दाम में असामान्य रूप से नरमी को देखते हुए रिजर्व बैंक ने महंगाई दर के अनुमान को घटाया है। भारतीय रिजर्व बैंक की चालू वित्त वर्ष की चौथी द्वैमासिक मौद्रिक समीक्षा की मुख्य बातें इस प्रकार हैं।
मुंबई। रिजर्व बैंक ने शु्क्रवार को चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही के लिये खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को कम कर 3.9 से 4.5 प्रतिशत कर दिया। मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं के दाम में असामान्य रूप से नरमी को देखते हुए रिजर्व बैंक ने महंगाई दर के अनुमान को घटाया है। भारतीय रिजर्व बैंक की चालू वित्त वर्ष की चौथी द्वैमासिक मौद्रिक समीक्षा की मुख्य बातें इस प्रकार हैं।
# रिजर्व बैंक ने मुख्य नीतिगत दर (रेपो) को 6.50 प्रतिशत पर कायम रखा।
# रिवर्स रेपो दर 6.25 प्रतिशत, बैंक दर 6.75 प्रतिशत तथा सीआरआर 4 प्रतिशत पर।
# खुदरा मुद्रास्फीति के अक्टूबर-मार्च के दौरान बढ़कर 3.8 से 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान।
# चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर के अनुमान को 7.4 प्रतिशत पर कायम रख।
# वैश्विक आर्थिक गतिविधियां असमतल हैं, परिदृश्य को लेकर अनिश्चितता।
# पेट्रोल, डीजल पर उत्पाद शुल्क कटौती से खुदरा मुद्रास्फीति कम होगी।
# तेल कीमतों में बढ़ोतरी से खर्च योग्य आय पर असर पड़ेगा, कंपनियों का मुनाफा मार्जिन भी प्रभावित होगा।
# कच्चे तेल की कीमतों के और ऊपर जाने का दबाव।
# वैश्विक, घरेलू वित्तीय परिस्थितियां सख्त, निवेश गतिविधियां प्रभावित होंगी।
# केंद्र और राज्यों के स्तर पर राजकोषीय लक्ष्यों से चूक से मुद्रास्फीति के परिदृश्य पर असर होगा। साथ ही इससे बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ेगा।
# अगले कुछ माह के दौरान मुद्रास्फीति के परिदृश्य पर नजदीकी नजर रखने की जरूरत। इसके ऊपर की ओर जाने के कई जोखिम।
# व्यापार का लेकर तनाव, उतार-चढ़ाव और कच्चे तेल के बढ़ते दाम और सख्त होती वैश्विक वित्तीय परिस्थितियों की वजह से वृद्धि और मुद्रास्फीति के परिदृश्य पर जोखिम।
# केंद्रीय बैंक ने घरेलू वृहद आर्थिक बुनियाद को और मजबूत करने पर जोर दिया। ।
#एमपीसी की अगली बैठक 3-5 दिसंबर को। ।
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