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लक्ष्मीविलास बैंक पर लगी पाबंदियां, DBS बैंक करेगा अधिग्रहण
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- नवंबर 18, 2020 09:15
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भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि बैंक की ओर से विश्वसनीय पुनरोद्धार योजना नहीं पेश करने की स्थिति में जमाधारकों के हित में यह फैसला किया गया है। साथ ही बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र की स्थिरिता के हितों का भी ख्याल रखा गया है।
मुंबई। सरकार ने वित्तीय संकट से गुजर रहे निजी क्षेत्र के लक्ष्मी विलास बैंक पर एक महीने तक के लिये पाबंदियां लगा दी है। इसके तहत बैंक के खाताधारक ज्यादा से ज्यादा 25,000 रुपये तक की निकासी कर सकेंगे। इसके साथ ही सरकार ने डीबीएस इंडिया के साथ लक्ष्मी विलास बैंक के अधिग्रहण की योजना की भी घोषणा की। बैंक की खस्ता वित्तीय हालत को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की सलाह के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि बैंक की ओर से विश्वसनीय पुनरोद्धार योजना नहीं पेश करने की स्थिति में जमाधारकों के हित में यह फैसला किया गया है। साथ ही बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र की स्थिरिता के हितों का भी ख्याल रखा गया है। रिजर्व बैंक ने लक्ष्मी विलास बैंक के निदेशक मंडल को भी हटा दिया है और केनरा बैंक के पूर्व गैर-कार्यकारी चेयरमैन टीएन मनोहरन को 30 दिनों के लिये उसका प्रशासक नियुक्त किया है।
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केंद्रीय बैंक ने कहा कि इसके अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था। इसलिए बैकिंग नियमन अधिनियम 1949 की धारा 45 के तहत केंद्र सरकार ने निजी क्षेत्र के बैंक पर पाबंदी लगायी है। बयान में कहा गया है, ‘‘रिजर्व बैंक के परामर्श पर विचार करने के बाद केंद्र सरकार ने आज (मंगलवार) से बैंक पर 30 दिन के लिए पाबंदियां लगायी हैं।’’ आदेश के मुताबिक लक्ष्मी विलास बैंक रिजर्व बैंक की अनुमति के बिना बचत, चालू या किसी तरह के जमा खाते से किसी जमाकर्ता को कुल मिलाकर 25,000 रुपये से अधिक का भुगतान नहीं करेगा। इस बीच रिजर्व बैंक ने लक्ष्मी विलास बैंक के डीबीएस बैंक के साथ विलय की मसौदा योजना भी सार्वजनिक की है। आरबीआई ने कहा, ‘‘विलय योजना को मंजूरी मिलने पर इसकी प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिये डीबीएस बैंक इंडिया लि. (डीबीआईएल) में सिंगापुर का डीबीएस बैंक 2,500 करोड़ रुपये (46.3 करोड़ सिंगापुर डॉलर) लगायेगा। इसका वित्त पोषण पूरी तरह से डीबीएस के मौजूदा संसाधनों से किया जायेगा।’’ यस बैंक के बाद इस साल मुश्किलों में फंसने वाला लक्ष्मी विलास बैंक निजी क्षेत्र का दूसरा बैंक बन गया है। यस बैंक के ऊपर मार्च में पाबंदियां लगायी गयी थीं। सरकार ने तब भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की मदद से यस बैंक को उबारा था। एसबीआई ने यस बैंक की 45 प्रतिशत हिस्सेदारी के बदले 7,250 करोड़ रुपये लगाया था।
सोने में तीन दिनों से जारी तेजी थमी, चांदी भी लुढ़का; जानिए 10 ग्राम का रेट
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 22, 2021 17:24
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पिछला बंद भाव 66,838 रुपये प्रति किलोग्राम का था। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्नेषक (जिंस) ने कहा, ‘‘कॉमेक्स (न्यूयॉर्क स्थित जिंस एक्सचेंज) में आई कमजोरी को देखते हुए दिल्ली में 24 कैरेट सोने की हाजिर कीमत में 263 रुपये प्रति 10 ग्राम की गिरावट आई।
नयी दिल्ली। सोने में तीन दिनों से जारी तेजी थम गई। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कमजोरी के रुख कारण दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना शुक्रवार को 263 रुपये की गिरावट के साथ 48,861 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। एचडीएफसी सिक्यूरिटीज ने यह जानकारी दी है। सोने पिछले दिन 49,124 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। चांदी भी 806 रुपये टूटकर 66,032 रुपये प्रति किलोग्राम पर बोली गयी।
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पिछला बंद भाव 66,838 रुपये प्रति किलोग्राम का था। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्नेषक (जिंस) ने कहा, ‘‘कॉमेक्स (न्यूयॉर्क स्थित जिंस एक्सचेंज) में आई कमजोरी को देखते हुए दिल्ली में 24 कैरेट सोने की हाजिर कीमत में 263 रुपये प्रति 10 ग्राम की गिरावट आई।’’ अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की दर कमजोर होकर 1,861 डॉलर प्रति औंस और चांदी भी नरमी के साथ 25.52 डॉलर प्रति औंस के भाव पर चल रही थी।
Covid सेस लगाने की तैयारी में सरकार, बजट सत्र 2021 में हो सकता है ऐलान
- निधि अविनाश
- जनवरी 22, 2021 17:10
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सरकार का मानना है कि कोरोना सरचार्ज को ऐड करना इसलिए जरूरी था क्योंकि देश की इकॉनमी इस वक्त काफी धीमी रफ्तार में चल रही है जिसको गति देना इस वक्त बेहद जरूरी है। इशके अलावा अगर स्थिति ठीक होती है तो इस फैसले को सरकार वापस भी ले सकती है।
कोरोना वायरस महामारी देश भर में बड़े और छोटे व्यवसायों पर भारी पड़ रहा है, इसी को देखते हुए भारत सरकार अब इकॉनमी में और भी तेजी लाने के लिए और फंड जुटाने के लिए कोरोना सरचार्ज का इस्तेमाल करने जा रही है। इस साल बजट सत्र को देखते हुए सरकार टैक्स पर कोरोना सेस या कोरोना सरचार्ज को ऐड करेगी। हालांकि इसकी बढ़ोतरी केवल 0.5 प्रतिशत तक हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार इसको लेकर काफी गंभीरता से विचार भी कर रही है और कोरोना महामारी से बढ़ती दिक्कतों को देखते हुए ऐसा कदम उठाना काफी जरूरी होगा।
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सरकार ने क्यों लिया ऐसा फैसला?
सरकार का मानना है कि कोरोना सरचार्ज को ऐड करना इसलिए जरूरी था क्योंकि देश की इकॉनमी इस वक्त काफी धीमी रफ्तार में चल रही है जिसको गति देना इस वक्त बेहद जरूरी है। इसके अलावा अगर स्थिति ठीक होती है तो इस फैसले को सरकार वापस भी ले सकती है। एक सरकारी अधिकारी के मुताबिक, इस बार के बजट सत्र में कई सेक्टरों को राहत भी दी जा सकती है। वित्तीय घाटे को ज्यादा ध्यान में रखते हुए और अतिरिक्त फंड जुटाने के लिए कई नए तरीकों की भी घोषणा की जा सकती है। गौरतलब है कि बजट में 4 फीसदी हेल्थ, एजुकेशन सेस देना होता है
भारत-अमेरिका के आर्थिक संबंध होगी बाइडन प्रशासन की टॉप प्राथमिकता
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 22, 2021 15:21
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उद्योग संगठन सीआईआई ने कहा कि भारत-अमेरिका के आर्थिक संबंध बाइडन प्रशासन की शीर्ष प्राथमिकता पर होंगे।कोटक ने कहा कि बाइडन भारत-अमेरिका साझेदारी में कई उपलब्धियों में सीधे तौर पर शामिल थे, जिसमें भारत-अमेरिका परमाणु समझौता, भारत को अमेरिका के प्रमुख रक्षा साझेदार का दर्जा और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता शामिल है।
नयी दिल्ली। उद्योग संगठन सीआईआई ने गुरुवार को कहा कि उसे भरोसा है कि भारत-अमेरिका के द्विपक्षीय आर्थिक संबंध अमेरिका में राष्ट्रपति जो बाइडन की अगुवाई वाले प्रशासन की शीर्ष प्राथमिकता में होंगे। सीआईआई के अध्यक्ष उदय कोटक ने कहा, ‘‘भारतीय उद्योग जगत को भरोसा है कि राष्ट्रपति बाइडन और प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी की अगुवाई में दोनों देश वैश्विक आर्थिक एजेंडा को फिर से आकार देने में एक मजबूत भूमिका निभाएंगे।’’
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कोटक ने बाइडन को अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने पर बधाई दी और कहा, ‘‘महामंदी के दौरान अमेरिकी अर्थव्यवस्था को फिर से खड़ा करने में राष्ट्रपति बाइडन का अनुभव अमेरिका को मजबूत बनाने और महामारी के बाद वैश्विक आर्थिक में सुधार के लिए सहायक होगा।’’ उन्होंने कहा कि बाइडन लंबे समय से भारत-अमेरिका संबंधों के समर्थक हैं और ‘‘हमारा मानना है कि नए प्रशासन के लिए द्विपक्षीय आर्थिक संबंध उच्च प्राथमिकता में होंगे।’’ कोटक ने कहा कि बाइडन भारत-अमेरिका साझेदारी में कई उपलब्धियों में सीधे तौर पर शामिल थे, जिसमें भारत-अमेरिका परमाणु समझौता, भारत को अमेरिका के प्रमुख रक्षा साझेदार का दर्जा और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता शामिल है।

