आईपीओ के खुदरा निवेशकों को शेयर नहीं मिलने पर मिलेगी क्षतिपूर्ति: सेबी
बाजार नियामक सेबी ने कहा कि आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिये आवेदन करने वाले खुदरा निवेशकों को उनकी पात्रता के बावजूद अगर ‘मर्चेन्ट बैंकर’ शेयर आबंटन करने में विफल रहते हैं तो उन्हें क्षतिपूर्ति देनी होगी।
नयी दिल्ली। बाजार नियामक सेबी ने कहा कि आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिये आवेदन करने वाले खुदरा निवेशकों को उनकी पात्रता के बावजूद अगर ‘मर्चेन्ट बैंकर’ शेयर आबंटन करने में विफल रहते हैं तो उन्हें क्षतिपूर्ति देनी होगी। इसके अलावा सार्वजनिक निर्गम के बैंकर को 15 दिन के भीतर शिकायत का समाधान करने में विफल रहने पर निवेशकों को 15 प्रतिशत ब्याज देना होगा। साथ ही उन्हें ऐसे कार्यों के लिये सेबी की कार्रवाई का भी सामना करना पड़ सकता है। आईपीओ में आवेदन करने पर प्रतिभूति प्राप्त करने में विफल रहने वाले खुदरा निवेशकों के लिये मसौदा पेश करते हुए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कहा कि निवेशकों को दी जाने वाली न्यूनतम क्षतिपूर्ति के आकलन के लिये एक समान नीति होनी चाहिए।
सेबी ने कहा कि न्यूनतम क्षतिपूर्ति का आकलन करते समय कई कारकों पर ध्यान देने की जरूरत है। इसमें निवेशकों को शेयर नहीं मिलने के कारण अवसर लागत का नुकसान, संबंधित श्रेणी में कितना गुना अभिदान मिला तथा सूचीबद्ध होने के दिन लाभ शामिल हैं। नियामक ने एक परिपत्र में कहा, ‘‘अगर निर्गम को 90 से 100 प्रतिशत अभिदान मिलता है तो आवेदनकर्ताओं को उन सभी शेयरों की क्षतिपूर्ति मिलनी चाहिए जो उन्हें मिलता।'' हालांकि अगर सूचीबद्ध होने पर कीमत निर्गम मूल्य से नीचे रहता है आवेदनकर्ता को कोई मुआवजा नहीं मिलेगा।सेबी का यह परिपत्र तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।
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