रोहित फेरो-टेक को बैंकों के साथ ऋण निपटान मामले में मिली राहत

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एनसीएलटी की कोलकाता पीठ ने भारतीय स्टेट बैंक द्वारा कंपनी के खिलाफ दायर की गयी दिवाला प्रक्रिया शुरू करने की याचिका को खारिज कर दिया। बैंक ने दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता के प्रावधानों के तहत यह याचिका दायर की थी।

कोलकातालौह। मिश्र धातु बनाने वाली कंपनी रोहित फेरो-टेक लिमिटेड को बैंकों के साथ ऋण निपटान मामले में राहत मिली है। राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी)ने कंपनी के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू करने की याचिका खारिज कर दी है। इससे कंपनी की ओर से बैंकों के साथ ऋण निपटान की उम्मीद बढ़ गई है। एनसीएलटी की कोलकाता पीठ ने भारतीय स्टेट बैंक द्वारा कंपनी के खिलाफ दायर की गयी दिवाला प्रक्रिया शुरू करने की याचिका को खारिज कर दिया। बैंक ने दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता के प्रावधानों के तहत यह याचिका दायर की थी।

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रोहित फेरो पर 1,792.12 करोड़ रुपये का ऋण बकाया है। इसमें करीब 50 प्रतिशत ऋण अकेले स्टेट बैंक द्वारा दिया गया है। कंपनी के प्रबंध निदेशक अंकित पाटनी ने कहा कि सभी कर्जदाताओं में से स्टेट बैंक ने एनसीएलटी का दरवाजा खटखटाया था। न्यायाधिकरण ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया, यह हमारी कंपनी के लिए थोड़ी राहत प्रदान करने वाला है। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अब बैंक आगे आकर उनके साथ फिर से ऋण निपटान योजना पर काम करेगा जो कंपनी ने पहले ही बैंक को उपलब्ध कराई है। रोहित फेरो के चार में से केवल दो संयंत्र ही इस समय परिचालन में हैं। 

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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