विलंब पर 1.43 करोड़ रूपए देगी सहारा समूह कंपनी
सहारा समूह कंपनी के पूरे पैसे लेने के बावजूद भी बंगले का कब्जा न देने पर राष्टृीय उपभोक्ता विवाद निबटान आयोग ने उसे उपभोक्ताओं को 1.43 करोड़ रूपए वापस देने का आदेश दिया है।
सहारा समूह कंपनी के पूरे पैसे लेने के बावजूद भी बंगले का कब्जा न देने पर राष्टृीय उपभोक्ता विवाद निबटान आयोग (एनसीडीआरसी) ने उसे उपभोक्ताओं को 1.43 करोड़ रूपए वापस देने का आदेश दिया है। महाराष्ट्र की साधना ने एनसीडीआरसी में सहारा समूह की कंपनी के खिलाफ पूरे पैसे देने के बाद भी बंगले का कब्जा न मिलने की शिकायत दायर की थी। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) ने सहारा प्राइम सिटी लिमिटेड (एसपीसीएल) को अपनी सेवाएं दे पाने में अक्षम पाया। उसने नागपुर के पास अपनी ‘सहारा सिटी होम्स’ योजना के तहत पूरे पैसे मिलने के बाद भी साधना को बंगले का कब्जा नहीं दिया है।
एनसीडीआरसी पीठ की अध्यक्षता कर रहे न्यायाधीश वीके जैन ने कहा, ‘‘बचाव पक्ष (एसपीसीएल) के किसी ठोस कारण या नियंत्रण से बाहर परिस्थिति के चलते कब्जा देने में देरी करने का कोई सबूत नहीं है। इसलिए स्पष्ट तौर पर बचाव पक्ष शिकायतकर्ता को बंगले का कब्जा नहीं देकर अपनी सेवाएं दे पाने में असफल रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘शिकायतकर्ता को मजबूर नहीं किया जा सकता कि वह बंगले का कब्जा मिलने के लिए और इंतजार करे और साथ ही वह एसपीसीएल को दी राशि वापस लेने और साथ ही मुआवजा पाने का हकदार है।’’ साधना की शिकायत के अनुसार उसने नागपुर स्थित आवासीय योजना के तहत सहारा को 1,43,56,000 रूपए दिए थे और कपंनी ने दो मार्च 2009 को आवंटन पत्र जारी किया था। बंगले का कब्जा 38 माह के भीतर, दो मई 2012 को दिया जाना था जो अभी तक नहीं दिया गया।
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