सैट ने पार्श्वनाथ डेवलपर्स, कावित इंडस्ट्रीज को राहत दी
प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण ने शेयर बाजार में पार्श्वनाथ डेवलपर्स और कावित इंडस्ट्रीज के शेयरों के पर कारोबार पर बाजार विनियामक सेबी की ओर से लगायी गयी रोक रोक को आज हटाने का दिया।
मुंबई। प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) ने शेयर बाजार में पार्श्वनाथ डेवलपर्स और कावित इंडस्ट्रीज के शेयरों के पर कारोबार पर बाजार विनियामक सेबी की ओर से लगायी गयी रोक रोक को आज हटाने का दिया। ये दोनों भी उन 331 संदिग्ध मुखौटा कंपनियों में से हैं जिनकी पहचान सरकार ने की है। सैट ने उनकी अपील पर शेयर बाजारों में उनके शेयरों लगाई गई रोक को हटाने का निर्देश दिया है। सैट ने गुरुवार को इसी तरह अपने एक अंतरिम आदेश में जेकुमार इन्फ्राप्रोजेक्ट्स और प्रकाश इंडस्ट्रीज पर लगायी गयी पाबंदी के खिलाफ स्थगन आदेश दिया था और आज उनके शेयरों में कारोबार फिर चालू हुआ।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सात अगस्त को शेयर बाजारों से इन 331 संदिग्ध मुखौटा कंपनियों के शेयरों के कारोबार पर अंकुश लगाने का निर्देश दिया था। इनमें से कुछ कंपनियों में कई जाने माने घरेलू और विदेशी निवेशकों ने निवेश किया हुआ है। नियामक को कारपोरेट मामलों के मंत्रालय से ऐसी कंपनियों की सूची मिली थी। इन 331 कंपनियों में से कई गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) और आयकर विभाग की जांच के घेरे में हैं। पार्श्वनाथ डेवलपर्स और कावित इंडस्ट्रीज ने सेबी के आदेश को सैट में चुनौती दी है। इससे पहले आठ अगस्त को कई कंपनियों ने शेयर बाजारों के पास अपनी वार्षिक रिपोर्ट और अन्य ब्योरा भेजाकर कहा था कि वे मुखौटा कंपनियां नहीं हैं और उन्होंने सभी नियमों का अनुपालन किया है। इन 331 कंपनियों में से 160 से अधिक के शेयरों का एक्सचेंजों पर कारोबार होता है। सैट ने आज सुनवाई के बाद शेयर बाजारों को इन दोनों कंपनियों के शेयरों पर कारोबार की रोक हटाने का निर्देश दिया। सोमवार से इन कंपनियों के शेयरों में सामान्य तरीके से कामकाज दोबारा शुरू हो सकेगा।
इसके साथ ही सैट ने कहा कि कारपोरेट मामलों का मंत्रालय, सेबी और शेयर बाजार इन कंपनियों के परिचालन की जांच कर सकते हैं। कावित इंडस्ट्रीज गुजरात की खाद्य तेल विनिर्माता कंपनी है। वहीं पार्श्वनाथ दिल्ली की रीयल एस्टेट कंपनी है। सैट ने अपने आदेश में कहा था, ‘‘इन दो अपीलों के तथ्यों को देखने के बाद प्रथम दृष्टया हमारा विचार है कि सेबी ने इन संदिग्ध मुखौटा कंपनियों के खिलाफ जो आदेश जारी किया है, उस पर स्थगन दिया जा सकता है।’’ सैट ने कहा कि सेबी ने यह आदेश बिना किसी जांच के पारित किया है। सैट ने निष्कर्ष दिया कि सेबी ने इन कंपनियों की स्थिति के बारे में बिना जांच के आदेश दिया।
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