सेबी ने सरकार को यूनियन बैंक के लिये खुली पेशकश से छूट दी

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[email protected] । Mar 23 2019 5:15PM

ऐसे में यहां अधिग्रहण प्रावधान लागू होता। अधिग्रहण नियमों के तहत अगर मौजूदा हिस्सेदारी निर्धारित सीमा से ऊपर जाती है तो अधिग्रहणकर्ता को खुली पेशकश के लिये सार्वजनिक घोषणा करनी होती है।

नयी दिल्ली। बाजार नियामक सेबी ने शुक्रवार को केंद्र सरकार को यूनियन बैंक आफ इंडिया के शेयरधारकों के लिये खुली पेशकश लाने से छूट दे दी। सरकार द्वारा बैंक में पूंजी डाले जाने के बाद यह छूट दी गयी है। सरकार ने फरवरी में तरजीही आधार पर शेयर आवंटन के जरिये 4,112 करोड़ रुपये की पूंजी डालने का प्रस्ताव किया था। यह पूंजी डाले जाने के बाद कुछ नियामकीय जरूरतों को पूरा किया जाना था। तरजीही आवंटन के बाद केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 67.43 प्रतिशत से बढ़कर 73.98 प्रतिशत हो जाने की संभावना है। हिस्सेदारी में यह वृद्धि 6.55 प्रतिशत है। इससे चालू वित्त वर्ष में यह हिस्सेदारी निर्धारित सीमा से 5 प्रतिशत अधिक बैठती है।

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ऐसे में यहां अधिग्रहण प्रावधान लागू होता। अधिग्रहण नियमों के तहत अगर मौजूदा हिस्सेदारी निर्धारित सीमा से ऊपर जाती है तो अधिग्रहणकर्ता को खुली पेशकश के लिये सार्वजनिक घोषणा करनी होती है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के अनुसार प्रस्तावित अधिग्रहण से बैंक के प्रबंधन में कोई बदलाव नहीं आया।

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साथ ही प्रस्तावित सौदे से सार्वजनिक शेयरधारकों द्वारा बैंक में इक्विटी शेयर की संख्या में कोई बदलाव नहीं हुआ है। सेबी ने कहा कि अत: भारत सरकार को यूनियन बैंक आफ इंडिया में प्रस्तावित 6.55 प्रतिशत इक्विटी शेयर के अधिग्रहण के संदर्भ में अधिग्रहण नियम के नियमन 3 (2) के अनुपालन से छूट दी जाती है। इससे पहले, यूनियन बैंक ने भारत सरकार की तरफ से नियामक को आवेदन देकर इस प्रावधान के अनुपालन से छूट देने का आग्रह किया था।

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