सेबी राइट इश्यू सूचीबद्ध समय में कमी लाने पर कर रहा विचार

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[email protected] । Mar 18 2019 12:27PM

सेंट्रल डिपोजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लि. (सीडीएसएल) के उपाध्यक्ष (परिचालन) नितिन अंबर ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘सेबी का इरादा आईपीओ के बाद शेयर की सूचीबद्धता में लगने वाले समय को मौजूदा छह दिन से कम कर तीन दिन करने का है।

कोलकाता। पूंजी बाजार नियामक सेबी राइट इश्यू शेयरों की सूचीबद्धता में लगने वाले समय में कमी लाने पर विचार कर रहा है। इससे पहले, नियामक शेयर सूचीबद्धता में लगने वाले समय में कमी लाने का प्रस्ताव ला चुका है। एक अधिकारी ने यह कहा। पिछले साल, सितंबर में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने आईपीओ के बाद शेयर सूचीबद्ध कराने का समय छह दिन से से कम कर तीन दिन करने का निर्णय किया। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) का निर्देश इस साल जुलाई से अमल में आ सकता है। सेबी ने कहा कि बाजार में उतार-चढ़ाव तथा वित्तीय बाजारों में अनिश्चितता जैसे जोखिम को कम करने के लिये यह कदम उठाया गया।

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सेंट्रल डिपोजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लि. (सीडीएसएल) के उपाध्यक्ष (परिचालन) नितिन अंबर ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘सेबी का इरादा आईपीओ के बाद शेयर की सूचीबद्धता में लगने वाले समय को मौजूदा छह दिन से कम कर तीन दिन करने का है।

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आईपीओ के लिये इसे जुलाई 2019 से लागू करने का प्रस्ताव है। अब नियामक राइट इश्यू प्रक्रिया को सरल बनाने की दिशा में काम कर रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि राइट इश्यू की सूचीबद्धता में लगने वाला कम होकर 8 से 10 दिन हो सकता है जो फिलहाल करीब एक महीना है। यह चरणबद्ध तरीके से हो सकता है जो नियामक के अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगा।’’ अंबर यहां मर्चेन्ट चैंबर आफ कामर्स में गैर-सूचीबद्ध शेयरों के डिमैट पर चर्चा में भाग लेने के लिये आये थे। 

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