SEBI कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार विकास कोष गठित करेगा
यह दबाव के समय में निवेश स्तर वाली कंपनियों के बॉन्ड की खरीद के लिये सुविधा प्रदाता के रूप में कार्य करेगा। इस कदम का मकसद कॉरपोरेट बॉड बाजार में प्रतिभागियों के बीच भरोसे के साथ बॉन्ड खरीद-बिक्री बाजार में नकदी को बढ़ाना है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बुधवार को वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) के रूप में 3,000 करोड़ रुपये की शुरुआती पूंजी के साथ कंपनी बॉन्ड बाजार विकास कोष गठित करने का फैसला किया। यह दबाव के समय में निवेश स्तर वाली कंपनियों के बॉन्ड की खरीद के लिये सुविधा प्रदाता के रूप में कार्य करेगा। इस कदम का मकसद कॉरपोरेट बॉड बाजार में प्रतिभागियों के बीच भरोसे के साथ बॉन्ड खरीद-बिक्री बाजार में नकदी को बढ़ाना है।
सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने निदेशक मंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रस्तावित कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार विकास कोष (सीडीएमडीएफ) का शुरुआती कोष 3,000 करोड़ रुपये होगा। इसका योगदान म्यूचुअल फंड करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि सरकार ने इस कोष के दस गुना उपयोग की अनुमति दी है। इस तरह उपलब्ध कोष का आकार बढ़कर 33,000 करोड़ रुपये हो जाएगा। कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार विकास कोष नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट कंपनी (एनसीजीटीसी) की तरफ से प्रदान की जाने वाली गारंटी के आधार पर बाजार में उतार-चढ़ाव के दौरान कॉरपोरेट ऋण प्रतिभूतियों की खरीद के लिए धन जुटा सकता है।
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