शेयर बाजारों में गिरावट जारी, सेंसेक्स 218 , निफ्टी 11000 अंक से नीचे

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[email protected] । Sep 27 2018 6:18PM

शेयर बाजारों में गुरुवार को लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में गिरावट रही। कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के बीच अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर बढ़ाये जाने से बाजार में कारोबारी धारणा प्रभावित हुई।

मुंबई। शेयर बाजारों में गुरुवार को लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में गिरावट रही। कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के बीच अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर बढ़ाये जाने से बाजार में कारोबारी धारणा प्रभावित हुई। ब्रोकरों ने कहा कि इसके अलावा सितंबर माह के वायदा एवं विकल्प निपटान की वजह से भी बाजार में उतार-चढ़ाव रहा। बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स सकारात्मक रुख से 36,691.93 अंक पर खुला और चुनिंदा शेयरों में शॉर्ट कवरिंग से 36,711.62 अंक के उच्चस्तर तक गया। लेकिन बाजार उच्चस्तर पर टिका नहीं रह सका और सितंबर श्रृंखला के निपटान की वजह से नीचे आ गया। अंत में सेंसेक्स 218.10 अंक या 0.60 प्रतिशत के नुकसान से 36,324.17 अंक पर बंद हुआ। एक समय यह 36,238.23 अंक के निचले स्तर तक गिर गया। इससे पहले बुधवार को सेंसेक्स में 109.79 अंक का नुकसान दर्ज हुआ था। 

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 76.25 अंक या 0.69 प्रतिशत के नुकसान से 

11,000 अंक से नीचे 10,977.55 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान निफ्टी 11,089.45 से 10,953.35 अंक के दायरे में रहा। सरकार ने बुधवार को जेट ईंधन तथा एसी सहित 19 उत्पादों का आयात महंगा करने की घोषणा की थी। इसके पीछे मकसद चालू खाते के घाटे पर अंकुश लगाना और रुपये की गिरावट को थामना है। इन कदमों से कुछ समय के लिए बाजार में तेजी रही। इस बीच, भारतीय रिजर्व बैंक ने तरलता की स्थिति में सुधार के लिए सांविधिक तरलता अनुपात के तहत बैंकों को अपने नकदी कवरेज अनुपात में कुछ राहत दी है। अमेरिका में इस साल तीसरी बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी से वैश्विक बाजार दबाव में रहे। अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने दिसंबर में भी ब्याज दरों में वृद्धि का संकेत दिया है। साथ ही उसका कहना है कि अगले साल तीन बार और 2020 में एक बार और ब्याज दरें बढ़ाई जा सकती हैं। इस बीच, शेयर बाजारों के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने कल 809.95 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। वहीं घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 1,555.44 करोड़ रुपये की लिवाली की।

जियोजीत फाइनेंशयल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में चौथाई प्रतिशत की वृद्धि उम्मीद के अनुरूप है। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ उत्पादों पर आयात शुल्क वृद्धि, एनबीएफसी में तरलता का संकट तथा वायदा एवं विकल्प निपटान की वजह से बाजार में उतार-चढ़ाव रहा। वित्तीय बाजारों के स्थिर होने तक यह दबाव बना रहेगा।’’ सेंसेक्स की कंपनियों में यस बैंक का शेयर सबसे अधिक 9.14 प्रतिशत टूटा। अन्य कंपनियों में मारुति सुजुकी 3.68 प्रतिशत, टाटा मोटर्स 3.32 प्रतिशत, एक्सिस बैंक 2.79 प्रतिशत, ओएनजीसी 2.49 प्रतिशत, कोटक बैंक 2.16 प्रतिशत, एचडीएफसी लि. 2.07 प्रतिशत, आईसीआईसीआई बैंक 1.87 प्रतिशत, एलएंडटी 1.80 प्रतिशत, महिंद्रा एंड महिंद्रा 1.66 प्रतिशत, सनफार्मा 1.59 प्रतिशत, भारती एयरटेल 1.33 प्रतिशत, इंडसइंड बैंक 1.24 प्रतिशत, अडाणी पोर्ट्स 1.08 प्रतिशत, वेदांता 0.48 प्रतिशत, हीरो मोटोकार्प 0.42 प्रतिशत तथा एनटीपीसी 0.39 प्रतिशत नीचे आया। 

वहीं दूसरी ओर टीसीएस का शेयर 2.16 प्रतिशत चढ़ गया। कोल इंडिया में 1.39 प्रतिशत, एशियन पेंट्स में 0.97 प्रतिशत, पावर ग्रिड में 0.93 प्रतिशत, इन्फोसिस में 0.88 प्रतिशत का लाभ रहा। एनबीएफसी कंपनियों में बिकवाली का सिलसिला जारी रहा। पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस 7.29 प्रतिशत, इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस 6.05 प्रतिशत तथा दीवान हाउसिंग फाइनेंस 4.87 प्रतिशत नीचे आया। बीएसई मिडकैप में 2.19 प्रतिशत तथा स्मॉलकैप में 1.97 प्रतिशत का नुकसान रहा। एशियाई बाजारों में शंघाई कम्पोजिट 0.54 प्रतिशत, हांगकांग का हैंगसेंग 0.36 प्रतिशत तथा जापान का निक्की 0.99 प्रतिशत नीचे आया। शुरूआती कारोबार में यूरोपीय बाजारों में मिलाजुला रुख था। 

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