शेयर बाजारों में लगातार दूसरे दिन तेजी, सेंसेक्स 595 अंक की बढ़त से 32,000 अंक के पार

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सेंसेक्स की बड़ी कंपनियों एचडीएफसी बैंक, एचडीएफसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एलएंडटी तथा आईसीआईसीआई बैंक के शेयरों में बढ़त से भी बाजार धारणा को बल मिला। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 595.37 अंक यानी 1.88 प्रतिशत की बढ़त के साथ 32,200.59 अंक पर बंद हुआ।

नयी दिल्ली। सकारात्मक वैश्विक रुख के बीच शेयर बाजारों में तेजी का सिलसिला बृहस्पतिवार को लगातार दूसरे दिन जारी रहा और सेंसेक्स 595 अंक और चढ़ गया। मई के डेरिवेटिव्स अनुबंधों के निपटान के बीच बाजार में व्यापक लिवाली देखने को मिली। सेंसेक्स की बड़ी कंपनियों एचडीएफसी बैंक, एचडीएफसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एलएंडटी तथा आईसीआईसीआई बैंक के शेयरों में बढ़त से भी बाजार धारणा को बल मिला। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 595.37 अंक यानी 1.88 प्रतिशत की बढ़त के साथ 32,200.59 अंक पर बंद हुआ। दिन में यह 32,267.23 अंक के स्तर तक भी गया। इसी तरह एनएसई का निफ्टी 175.15 अंक या 1.88 प्रतिशत की बढ़त के साथ 9,490.10 अंक पर बंद हुआ।

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सेंसेक्स की कंपनियों में एलएंडटी का शेयर सबसे अधिक 6.17 प्रतिशत चढ़ गया। हीरो मोटोकॉर्प, इंडसइंड बैंक, एचडीएफसी बैंक, मारुति सुजुकी, एचडीएफसी, टाटा स्टील और आईसीआईसीआई बैंक के शेयर भी लाभ में रहे। वहीं दूसरी ओर आईटीसी, एसबीआई और भारती एयरटेल के शेयर 0.83 प्रतिशत तक टूट गए। विश्लेषकों ने कहा कि मई के डेरिवेटिव्स अनुबंधों के निपटान के मद्देनजर भागीदारों की शॉर्ट कवरिंग से बाजार में व्यापक तेजी देखने को मिलेगी। इसके अलावा वैश्विक बाजारों के मजबूत रुख से भी यहां धारणा को बल मिला। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘यूरोपीय संघ की एक बड़ा पैकेज देने की योजना से यूरोपीय शेयरों में तेजी आई। अमेरिका-चीन राजनयिक मुद्दों की वजह से एशियाई बाजारों के शेयर प्रभावित हुए। भारत में हालांकि कोविड-19 के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन आर्थिक गतिविधियां शुरू होने से बाजार ने राहत की सांस ली है।’’

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नायर ने कहा कि और प्रोत्साहन उपायों से अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ेगी और सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों को मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि जमीनी वास्तविकताओं में मामूली बदलाव ही आया है लेकिन उम्मीदों के बीच बाजार में तेजी आ रही है। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप में 1.42 प्रतिशत तक का लाभ रहा। अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीदों के बीच वैश्विक बाजारों में तेजी रहीं। अमेरिका का डाउ जोंस मार्च के बाद पहली बार 25,000 के ऊपर बंद हुआ। अन्य एशियाई बाजारों में चीन का शंघाई कम्पोजिट और जापान का निक्की लाभ में रहे। वहीं हांगकांग के हैंगसेंग और दक्षिण कोरिया के कॉस्पी में गिरावट आई। शुरुआती कारोबार में यूरोपीय बाजार एक प्रतिशत तक के लाभ में थे। अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट कच्चा तेल वायदा 0.92 प्रतिशत की बढ़त के साथ 34.92 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। अंतरबैंक विदेशी विनिमय बाजार में रुपया पांच पैसे टूटकर 75.76 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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