बाजार में तेजी बरकरार, सेंसेक्स 77 अंक मजबूत
नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 10,900 अंक के ऊपर बंद हुआ। भारी लिवाली और बिकवाली के बीच बीएसई सेंसेक्स में 329 अंक के दायरे में उतार-चढ़ाव रहा।
मुंबई। स्थानीय शेयर बाजारों में तेजी का सिलसिला जारी है। बबंई शेयर बाजार का सेंसेक्स मंगलवार को शुरूआती नुकसान से उबर कर 77 अंक की तेजी के साथ 36,347 अंक पर बंद हुआ। कारोबार समाप्त होने से पहले मुख्य रूप से औषधि, धातु तथा पूंजीगत वस्तुएं बनाने वाली कंपनियों के शेयरों में लिवाली निकलने से यह तेजी आयी। दूसरी तरफ सूचना प्रौद्योगिकी तथा रोजमर्रा के उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों के शेयरों में गिरावट दर्ज की गयी। यह लगातार छठा कारोबारी सत्र है जब बाजार में तेजी दर्ज की गयी।
Closing Bell: Last hour buying pushes #Sensex in positive territory; #Nifty above 10,900https://t.co/vOeAPillTh pic.twitter.com/qQl6myFQlX
— Indian Stock Market (@IndianShares) December 18, 2018
नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 10,900 अंक के ऊपर बंद हुआ। भारी लिवाली और बिकवाली के बीच बीएसई सेंसेक्स में 329 अंक के दायरे में उतार-चढ़ाव रहा। तीस शेयरों वाला सेंसेक्स सुबह गिरावट के साथ 36,226.38 अंक पर खुला और वैश्विक बाजारों में गिरावट के असर से प्रभावित कारोबार में एक समय बिकवाली के दबाव में 36,046.52 अंक तक नीचे चला गया था। हालांकि दोपहर बाद के कारोबार में भारी लिवाली से स्थिति पलटी और सेंसेक्स 36,375.38 अंक तक चला गया। अंत में यह 77.01 अंक या 0.21 प्रतिशत की बढ़त के साथ 36,347.08 अंक पर बंद हुआ।
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पिछले पांच करोबारी सत्रों में सेंसेक्स 1,310 अंक से अधिक मजबूत हुआ है। पचास शेयरों वाला एनएसई निफ्टी भी 20.35 अंक या 0.19 प्रतिशत की तेजी के साथ 10,908.70 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 10,819.10 से 10,915.40 अंक के दायरे में रहा। कारोबारियों के अनुसार वैश्विक बाजार में कच्चे तेल के भाव में नरमी अर्थव्यवस्था के लिये बेहतर है क्योंकि इससे आयात बिल का बोझ कम होगा। डालर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर में तेजी से भी बाजार धारणा को बल मिला।
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वैश्विक स्तर पर शेयर बाजारों में गिरावट का रुख रहा। वाल स्ट्रीट में कल के नुकसान का असर दुनिया के अन्य बाजारों पर पड़ा। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मंगलवार से शुरू दो दिवसीय बैठक से पहले निवेशक थोड़े सतर्क हैं। अमेरिकी फेडरल रिजर्व 19 दिसंबर को नीतिगत फैसले की घोषणा कर सकता है और वहां बाजार को लगता है कि ब्याज दर में वृद्धि की जा सकती है।
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