सीतारमण ने अमेरिकी विश्वविद्यालयों को आईएफएससी में परिसर खोलने के लिए आमंत्रित किया

Sitharaman

एक अन्य ट्वीट में कहा गया, ‘‘केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने विभिन्न प्रतिष्ठित अमेरिकी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से बात की और आईएफएससी में विदेशी विश्वविद्यालयों/संस्थानों की स्थापना के अवसरों का पता लगाने का प्रयास किया।’’

वाशिंगटन|  वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 14 प्रतिष्ठित अमेरिकी विश्वविद्यालयोंको गुजरात के गांधीनगर में स्थित अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) में विदेशी विश्वविद्यालय/ संस्थान स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया है। वित्तीय सेवा क्षेत्र में कुशल मानव संसाधनों की उपलब्धता सुगम बनाने के उद्देश्य से वित्त वर्ष2022-23 के बजट में गांधीनगर के गिफ्ट शहर में विश्व स्तरीय विदेशी विश्वविद्यालयों की स्थापना की मंजूरी दी गई है।

ये विश्वविद्यालय घरेलू नियमों से बंधे नहीं होंगे। वित्त मंत्रालय ने शनिवार को एक ट्वीट में अमेरिकी विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों से हुई वित्त मंत्री की मुलाकात का उल्लेख किया।

इसके मुताबिक, ‘‘आईएफएससी की अंतर्निहित क्षमता को देखते हुए ही बजट में इसकी घोषणा की गई जिससे विश्व स्तरीय विदेशी विश्वविद्यालयों द्वारा गिफ्ट सिटी में वित्तीय प्रबंधन, फिनटेक, विज्ञान, प्रौद्यागिकी, इंजीनियरिंग और गणित के पाठ्यक्रम उपलब्ध करवाने का रास्ता साफ हुआ।’’

एक अन्य ट्वीट में कहा गया, ‘‘केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने विभिन्न प्रतिष्ठित अमेरिकी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से बात की और आईएफएससी में विदेशी विश्वविद्यालयों/संस्थानों की स्थापना के अवसरों का पता लगाने का प्रयास किया।’’ सीतारमण ने इस ऑनलाइन बैठक में कहा कि अमेरिकी विश्वविद्यालयों को आईएफएससी में कई तरह के फायदे मिलेंगे।

इनमें 100 फीसदी विदेश स्वामित्व के साथ मुनाफे के प्रत्यावर्तन (मुनाफा स्वदेश भेजने) पर कोई प्रतिबंध नहीं होना, उन पर कोई घरेलू कानून लागू नहीं होना, एकीकृत नियामक आईएफएससीए के माध्यम से नियामकीय सुगमता और भारतीय छात्रों, संकाय सदस्यों और वित्तीय उद्योग के साथ सहयोग करने का अवसर मिलना शामिल है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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