सौर बिजली परियोजनाओं के विकास के लिये SJVN ने भेल से किया समझौता

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इस समझौता ज्ञापन (एमओयू) का मकसद शुल्क / परियोजनाओं को व्यवहारिक बनाने के लिये वित्त पोषण आधारित प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के जरिये व्यवसायिक सौर विद्युत परियोजनाओं को संयुक्त रूप से लगाने के लिये दोनों पक्षों के बीच एक करीबी रणनीतिक भागीदारी कायम करना है।

शिमला। बिजली कंपनी एसजेवीएन लि. ने देश में सौर बिजली परियोजनाओं के विकास के लिये सार्वजनिक क्षेत्र की भारत हेवी इलेक्ट्रिक लि. (भेल) के साथ समझौता किया है। इस समझौता ज्ञापन (एमओयू) का मकसद शुल्क / परियोजनाओं को व्यवहारिक बनाने के लिये वित्त पोषण आधारित प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के जरिये व्यवसायिक सौर विद्युत परियोजनाओं को संयुक्त रूप से लगाने के लिये दोनों पक्षों के बीच एक करीबी रणनीतिक भागीदारी कायम करना है। 

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एसजेवीएन ने बुधवार को जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी। एमओयू के तहत एसजेवीएन परियोजनाओं का विकास करेगी और भेल इंजीनियरिंग, खरीद, निर्माण और परियोजना प्रबंधन अनुबंधकर्ता होगी। इसके अलावा भेल परियोजना के चानलू होने के बाद परिचालन और रखरखाव का भी जिम्मा संभालेगी। सहमति पत्र पर एसजेवीएन के मुख्य महाप्रबंधक (बीडी एंड एमएस) और भेल की तरफ से महाप्रबंधक (आरईडब्ल्यूबी) टी के बागची ने दस्तखत किये। इस मौके पर भेल के निदेशक एस बालकृष्णन (आईएस एंड पी) भी मौजूद थे।

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एसजेवीएन लि. ने सौर और पवन ऊर्जा समेत कुल 2015.2 मेगावाट क्षमता की पांच परियोजनाएं लगायी हैं। कंपनी फिलहाल हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, महाराष्ट्र और गुजरात के अलावा पड़ोसी देश नेपाल और भूटान में बिजली परियोजनाओं का विकास कर रही है। कंपनी के अनुसार एसजेवीएन ने 2023 तक 5,000 मेगावाट और 2030 तक 12,000 मेगावाट बिजली क्षमता वाली कंपनी बनने का लक्ष्य रखा है और यह उसी दिशा में उठाया गया कदम है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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