बाजार में नकद-धन की दिक्कत होने पर कदम उठाए जाएंगे: RBI गवर्नर

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[email protected] । Jan 7 2019 3:08PM

उन्होंने कहा कि बैंकों को एमएसएमई क्षेत्र के वसूली में अटके ऋणों के पुनर्गठन के व्यक्तिगत प्रस्तावों पर गौर करते समय संबंधित इकाई के कारोबार की मजबूती को ध्यान में रखने को कहा गया है।

नयी दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को कहा कि कर्ज देने के लिए बैंकों की नकद धन की आवश्यकताओं को फिलहाल पूरा किया जा चुका है और यदि अर्थव्यवस्था में तरलता की दिक्कत हुई तो केंद्रीय बैंक आवश्यक और कदम उठाएगा। गवर्नर दास ने राजधानी में सोमवार को छोटे एवं मझोले उपक्रमों के संघों के साथ बैठक की। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि मंगलवार को मुंबई में गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के साथ उनकी स्थिति पर बातचीत की जाएगी। 

उन्होंने कहा कि बैंकों को एमएसएमई क्षेत्र के वसूली में अटके ऋणों के पुनर्गठन के व्यक्तिगत प्रस्तावों पर गौर करते समय संबंधित इकाई के कारोबार की मजबूती को ध्यान में रखने को कहा गया है। दास ने तरलता पर कहा, ‘‘हम लगातार इसकी निगरानी कर रहे हैं। हमारा मानना है कि कुल मिला कर तरलता (धन) की जरूरतें पूरी हो रही है।’’

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उन्होंने कहा कि यदि तरलता की दिक्कतें हुई तो रिजर्व बैंक कदम उठाएगा। उन्होंने पर्याप्त तरलता बनाये रखने की प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि बाजार की जरूरतों के हिसाब से ही तरलता की मात्रा बढ़ायी जाएगी। एमएसएमई के साथ बैठक के बारे में दास ने कहा कि बैंकों को ऋण के पुनर्गठन से पहले एमएसएमई की वहनीयता परखने के लिये कहा गया है।

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