कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्नोई के बैंक खातों को लेकर स्विट्जरलैंड ने जारी किया नोटिस

कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्नोई

स्विट्जरलैंड की सरकार ने कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्नोई और उनकी पत्नी को एक नोटिस जारी किया है। स्विस कानूनों के तहत सूचना साझा करने के खिलाफ अपील के अपने अधिकार का प्रयोग करने के लिये बिश्नोईयों को दस दिनों के भीतर जवाब देने के लिये कहा गया है।

नयी दिल्ली/ बर्न। स्विट्जरलैंड की सरकार ने कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्नोई और उनकी पत्नी रेणुका की स्विस बैंक खातों और अन्य वित्तीय संपत्तियों के बारे में भारत के साथ ब्योरा साझा करने के लिये भारतीय प्राधिकरणों से प्रशासनिक सहायता अनुरोध मिलने के बाद सार्वजनिक नोटिस जारी किया है। स्विट्जरलैंड के नवीनतम संघीय राजपत्र में 7 जुलाई को प्रकाशित दो अलग-अलग नोटिसों के अनुसार, स्विस कानूनों के तहत सूचना साझा करने के खिलाफ अपील के अपने अधिकार का प्रयोग करने के लिये बिश्नोईयों को दस दिनों के भीतर जवाब देने के लिये कहा गया है। ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स स्थित दो कंपनियों ग्रैंडे मेसन लिमिटेड और होलीपोर्ट लिमिटेड के लिये भी इसी तरह के नोटिस जारी किये गये हैं। इन दोनों कंपनियों के बिश्नोई परिवार के साथ संबंध होने का संदेह है। दोनों कंपनियों को एक ही दिन 19 जुलाई 1996 को गठित किया गया था। इनका नाम पनामा पेपर्स में भी आया था। आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, अगस्त 2014 से निष्क्रिय रहने के बाद अप्रैल 2016 में दोनों कंपनियों को कंपनियों की रजिस्ट्री से हटा दिया गया था। हरियाणा विधानसभा के मौजूदा विधायक बिश्नोई और उनके कार्यालय को इस बारे में बार-बार सवाल पूछे जाने पर अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है।हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल के पुत्र बिश्नोई ने राज्य की आदमपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं।

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नोटिसों में बिश्नोई, उनकी पत्नी और दोनों फर्मों को स्विट्जरलैंड के संघीय कर प्रशासन द्वारा प्रस्तावित प्रशासनिक सहायता के खिलाफ अपील करने के अपने अधिकार का प्रयोग करने के लिये 10 दिनों के भीतर एक प्रतिनिधि नियुक्त करने के लिये कहा गया है। इस तरह की सहायता में स्विट्जरलैंड में बैंकों या अन्य वित्तीय संस्थानों के साथ खाता रखने वाले व्यक्ति या कंपनी के बैंकिंग व अन्य विवरण शामिल होते हैं। हालांकि नोटिस में जांच के बारे में कोई विशेष विवरण नहीं दिया गया है। इस तरह के नोटिस आमतौर पर स्विस फेडरल टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा एक विदेशी क्षेत्राधिकार के अनुरोध के साथ संदिग्ध कर चोरी या अन्य वित्तीय गड़बड़ी के प्रथम दृष्टया सबूत पेश करने के बाद जारी किये जाते हैं। यदि संबंधित व्यक्ति या कंपनी प्रशासनिक सहायता के खिलाफ वैध कारण प्रदान करने में विफल रहती हैं, तो विवरण बाद में कर विभाग द्वारा अनुरोध प्राधिकारी के साथ साझा किये जाते हैं।

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बिश्नोई को आयकर विभाग सहित कई एजेंसियों द्वारा जांच का सामना करना पड़ रहा है। आयकर विभाग ने पिछले साल जुलाई में उनसे जुड़े विभिन्न स्थानों पर छापे मारे थे। कर विभाग ने गुरुग्राम के एक प्रमुख व्यवसायिक क्षेत्र में एक पांच सितारा होटल को भी कुर्क किया था। इसे बेनामी या बिश्नोई परिवार की बेहिसाब संपत्ति बताया गया था। उस समय यह आरोप लगाया गया था कि होटल में शेयरहोल्डिंग को ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में पंजीकृत कंपनी के माध्यम से निर्धारित किया गया था। कर विभाग ने अगस्त 2019 में भी कहा था कि बिश्नोई और उनके परिवार से कथित रूप से जुड़ी 200 करोड़ रुपये से अधिक की विदेशी संपत्ति की जांच की जा रही है। उस समय, कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया था कि राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले कर विभाग का कदम राजनीति से प्रेरित था।

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