सिंडिकेट बैंक को चौथी तिमाही में 2,195 करोड़ रुपये का घाटा
सार्वजनिक क्षेत्र के सिंडिकेट बैंक को बीते वित्त वर्ष की मार्च में समाप्त चौथी तिमाही में 2,195.12 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ है। ऊंचे डूबे कर्ज की वजह से बैंक को अधिक प्रावधान करना पड़ा जिससे बैंक का नुकसान बढ़ा है।
नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के सिंडिकेट बैंक को बीते वित्त वर्ष की मार्च में समाप्त चौथी तिमाही में 2,195.12 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ है। ऊंचे डूबे कर्ज की वजह से बैंक को अधिक प्रावधान करना पड़ा जिससे बैंक का नुकसान बढ़ा है। इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में बैंक को 103.84 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। दिसंबर तिमाही में बैंक को 869.77 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था। शेयर बाजारों को भेजी सूचना में बैंक ने कहा है कि मार्च तिमाही में बैंक का डूबे कर्ज के लिए प्रावधान करीब तीन गुना यानी 3,544.68 करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले समान तिमाही में 1,192.54 करोड़ रुपये था।
तिमाही के दौरान बैंक की आमदनी घटकर 6,046 करोड़ रुपये रह गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 6,913.09 करोड़ रुपये रही थी। पूरे वित्त वर्ष 2017-18 में बैंक को 3,222.84 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में बैंक ने 358.95 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था। वित्त वर्ष के दौरान बैंक की आय घटकर 24,581.85 करोड़ रुपये रह गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 26,461.18 करोड़ रुपये थी। सिंडिकेट बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी मेल्विन रेगो के खिलाफ सीबीआई ने पिछले महीने 600 करोड़ रुपये के आईडीबीआई बैंक ऋण चूक को लेकर मामला दायर किया था।
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