कृषि आय पर कर का मुद्दा तो सभी सरकारों के सामने रहा: नीति आयोग

Taxing farm income has always been under consideration of successive governments, says Niti Aayog
[email protected] । May 14 2018 8:57AM

नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि कृषि आय पर कर लगाने के बारे में आने वाली हर सरकारों ने विचार किया है लेकिन उन्होंने सावधान किया कि यह कदम तभी उठाया जा सकता है

नयी दिल्ली। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि कृषि आय पर कर लगाने के बारे में आने वाली हर सरकारों ने विचार किया है लेकिन उन्होंने सावधान किया कि यह कदम तभी उठाया जा सकता है जब कृषि उत्पादक हो और आधुनिक वैज्ञानिक तरीके से की जा रही हो। कुमार से ट्विटर पर सवाल किया गया था, क्या केलकर समिति की रिपोर्ट में दिया गया यह सुझाव अच्छा है कि एक सीमा से अधिक की कृषि आय को कर के दायरे में लाया जाए।

उन्होंने जवाब में कहा, ‘आने वाली हर सरकारों ने कृषि आय पर कर लगाने के बारे में विचार किया है। हमें पहले यह सुनिश्चित करना है कि हमारी कृषि उत्पादक बने और इसको एक आधुनिक वैज्ञानिक धरातल पर ले जाया जाए।’ गौरतलब है कि भारत में कृषि पर आय कर हमेशा ही राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील मुद्दा रहा है और सरकारें इससे बचती रही हैं। पिछले साल भी इसको लेकर विवाद खड़ा हुआ था।

नीति आयोग के सदस्य विवेक देबराय ने कहा दिया था कि एक सीमा से ऊपर की कृषि आय पर कर लगाया जाना चाहिए। हालांकि विवाद को शांत करने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने स्पष्टीकरण दिया कि ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है और केंद्र को कृषि पर कर लगाने का संवैधानिक अधिकार नहीं है। उस समय नीति आयोग ने भी देबराय के बयान से खुद को अलग करते हुए कहा था कि यह देबराय का निजी मत हो सकता है।

विनिवेश कार्यक्रम से संबंधित एक सवाल पर उन्होंने कहा, ‘कुछ मामलों में आंशिक हिस्सेदारी बेचने से काफी बेहतर है कि किसी चुनिंदा भागीदार को ढूंढ लिया जाए। इसलिए निजीकरण अच्छा है।’ उन्होंने ट्विटर पर चर्चा में यह भी कहा, ‘भ्रष्टाचार भी एक बड़ा मुद्दा है। हालांकि जैसा कि आप कह रहे हो, यह राज्य का विषय है। नीति आयोग का प्रयास होगा कि कोई ऐसा तरीका निकाला जाए ताकि इससे निपटने में राज्य सरकारों में आपस में प्रतिस्पर्धा हो।’

ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध के असर के बारे में कुमार ने कहा कि ईरान के साथ व्यापार में रुपया-रियाल (ईरानी मुद्रा) का इस्तेमाल करने का भी एक सुझाव है। उन्होंने कहा, ‘पिछली बार प्रतिबंधों के समय यह (व्यवस्था) बड़ी सफल रही।’ उन्होंने कहा, इस बार लगता है कि यूरोपीय संघ के देश अमेरिका की राह पर नहीं होंगे इसलिए संभवत: (इस बार) इसका असर ज्यादा न हो।

उन्होंने कहा कि नीति आयोग विकास के लिए जुलाई तक ‘न्यू इंडिया 2022’ नाम से नयी कार्ययोजना प्रस्तुत करेगा जिसमें आर्थिक वृद्धि के विस्तार की रणनीति शामिल की जाएगी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विभिन्न मुद्दों पर हुई इस चर्चा में उन्होंने कहा कि हमें कंपनियों को बंजर भूमि पर वाणिज्यिक वानिकी का कारोबार करने की छूट देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि क्षतिपूरक वानिकी के नियम को भी सख्ती से लागू करने पर जोर दिया। उन्होंने वानिकी के काम को मनरेगा से जोड़ने के बारे में कहा कि पुर्नवानिकी में मनरेगा का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

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