दूरसंचार कंपनियों ने सत्यापन के लिए आधार का विकल्प सुझाया

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[email protected] । Oct 11 2018 9:38AM

परिषद द्वारा पांच अक्टूबर को भेजे पत्र में कहा गया है कि कागज आधारित प्रक्रिया को इसका विकल्प नहीं बनाया जा सकता है। यदि ऐसा किया गया तो उद्योग ने डिजटलीकरण की दिशा में जो कदम उठाया है वह बेकार जाएगा।

नई दिल्ली। न्यायालय हाल के निर्णय के बाद दूरसंचार कंपनियों ने आधार के माध्यम से ग्राहक सत्यापन की प्रक्रिया के विकल्प के रूप में एक नई ई- केवाईसी प्रक्रिया को मान्यता देने का प्रस्ताव दूरसंचार विभाग (डीओटी) के सामने रखा है। उच्चतम न्यायालय ने बैंकों और निजी क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों को आधार सूचना का इस्तेमाल करने से रोक दिया है। 

भारत में दूरसंचार क्षेत्र की शीर्ष सलाहकार परिषद ने दूरसंचार विभाग को भेजे एक पत्र में कहा है, ‘‘हम डीओटी के दिशानिर्देशों में मामूली सुधार का प्रस्ताव कर रहे हैं ... इसमें ग्राहक आवेदन फार्म को फोटोग्राफ और स्कैन की हुई छवियों के साथ लिए जाने की अनुमति हो। इस प्रकार नये ग्राहक को जोड़ने की आवेदन पत्र शुरू से लेकर आखिर तक डिजिटल रूप में होगी और कागज का इसमें इस्तेमाल नहीं किया जायेगा।’’ 

परिषद द्वारा पांच अक्टूबर को भेजे पत्र में कहा गया है कि कागज आधारित प्रक्रिया को इसका विकल्प नहीं बनाया जा सकता है। यदि ऐसा किया गया तो उद्योग ने डिजटलीकरण की दिशा में जो कदम उठाया है वह बेकार जाएगा। उद्योग ने समूची प्रक्रिया के डिजिटलीकरण के लिये जो भी निवेश और बुनियादी ढांचा खड़ा किया है वह सब बेकार हो जायेगा। 

उच्चतम न्यायालय का आदेश आने से पहले दूरसंचार कंपनियों ने एक प्रणाली विकसित कर ली थी। इस प्रक्रिया में आधार इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों के सत्यापन के लिये त्वरित आनलाइन प्रणाली विकसित कर ली गई थी। इससे मामूली लागत पर ही ग्राहकों के लिये नई सेवा की शुरुआत कर ली जाती थी।  डीओटी को भेजे गये पत्र पर सेल्युलर आपरेटर्स एसोसियेसन आफ इंडिया के महानिदेशक राजन एस मैथ्यूज ने हस्ताक्षर किये हैं। 

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