कृषि प्रौद्योगिकी को खेतों तक पहुंचाने में तेजी लाएं: मंत्री
कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने आज कृषि वैज्ञानिकों से अपील की कि वे प्रयोगशालाओं से नयी नयी प्रौद्योगिकी को खेतों तक पहुंचाने का प्रयास तेज करें ताकि किसानों की आमदनी बढ़ायी जा सके।
कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने आज कृषि वैज्ञानिकों से अपील की कि वे प्रयोगशालाओं से नयी नयी प्रौद्योगिकी को खेतों तक पहुंचाने का प्रयास तेज करें ताकि किसानों की आमदनी बढ़ायी जा सके। सरकार ने पांच साल में किसानों की आय का स्तर दो गुना करने का लक्ष्य रखा है। कृषि मंत्री यहां भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के 88वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। सिंह ने कहा, ‘हमारी सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दो गुना करने का लक्ष्य रखा है। हम इस लक्ष्य के लिए केवल कृषि कार्य पर ही ध्यान नहीं देंगे बल्कि कृषि से जुड़े दूसरे क्षेत्रों पर भी जोर दिया जाएगा।’
उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए समन्वित खेती बाड़ी जरूरी है। इसे बढ़ावा देने के लिए देश भर में आईसीएआर के संस्थानों में किसानों को ऐसी किसानी के लाभों से परिचित कराया जाएगा। कृषि मंत्री ने कहा, ‘समन्वित कृषि से एक किसान परिवार साल में तीन लाख रुपए तक की बचत कर सकता है।’
सिंह ने कहा कि कृषि उत्पादन बढ़ाने में प्रौद्योगिकी की बड़ी भूमिका है। ‘‘हमें प्रयोगशालाओं से निकली प्रौद्योगिकी को किसानों के खेत तक पहुंचने के प्रयास तेज करने होंगे। मैं वैज्ञानिकों और संस्थानों को इस काम पर ध्यान देने की अपली करता हूं। यह सुनिश्चित किया जाए कि नये उत्पाद बाजार में जरूर पहुंचें।’’ उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने में मदद के लिए मुर्गीपालन, मछली पालन और दुग्ध उत्पादन जैसे कामों के प्रोत्साहन पर भी ध्यान दिया जाएगा। इस कार्यक्रम में मंत्रालय के तीनों राज्य मंत्री, पुरुषोत्तम रुपाला, एसएस अहुलवालिया और सुदर्शन भगत तथा आईसीएआर के महानिदेशक त्रिलोचन महापात्र भी उपस्थित थे। मंत्रियों ने 2016 के आईसीएआर पुरस्कार भी वितरित किए।
कुल 19 वर्गों में दिये जाने वाले इन पुरस्कारों के लिए इस बार कुल 119 वैज्ञानिकों, किसानों और पत्रकारों को चुना गया था। पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में कुछ समन्वय का अभाव दिखा। अधिकारियों को पुरस्कार के लिए चयनित लोगों को पहचानने में दिक्कत हो रही थी जिससे कार्यक्रम में कुछ अफरातफरी रही।
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