टेलीफोन कॉल जुड़ने में लगने वाले समय पर TRAI की नजर, आपरेटरों से मांगे आंकड़े

trai-eyes-at-the-time-of-joining-the-telephone-call
[email protected] । Oct 11 2018 10:18AM

तकनीकी भाषा में इस समस्या को ‘काल सेट-अप टाइम’ कहा गया है। कोई नंबर डायल करने के बाद वांछित व्यक्ति के फोन पर काल जुड़ने में जो समय लगता है उसे ‘कॉल सेट-अप टाइम’ कहा गया है।

नई दिल्ली। मोबाइल फोन सेवाओं की गुणवत्ता पर निगरानी रखते हुये दूरसंचार क्षेत्र के नियामक ट्राई ने बुधवार को कहा कि इस समय कॉल जुड़ने में लगने वाला समय एक समस्या है। इस समस्या के निदान के लिये वह आपरेटरों से एक अक्टूबर के बाद के आंकड़े मांगेगा। 

तकनीकी भाषा में इस समस्या को ‘काल सेट-अप टाइम’ कहा गया है। कोई नंबर डायल करने के बाद वांछित व्यक्ति के फोन पर काल जुड़ने में जो समय लगता है उसे ‘कॉल सेट-अप टाइम’ कहा गया है। ट्राई के मुताबिक इसमें ज्यादा समय लग रहा है और वर्तमान में यही समस्या है। 

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के अध्यक्ष आर एस शर्मा ने कहा, ‘‘एक- दो चीजें हैं जो कि समस्या पैदा कर रही है। मेरा मानना है कि यह अस्थाई समस्या है। पहली समस्या ‘कॉल सेट-अप टाइम’ की है, कई तरह की प्रौद्योगिकियों के कारण यह है ... हमने इसे मापने का फैसला किया है, और हो सकता है कि इसके बाद हम यह जान सकें कि औसत मूल्य क्या है और उसे संभवत: बाद में नियम बनाया जा सके।’’ 

शर्मा ने स्वीकार किया कि फोन काल जुड़ने में अब आमतौर पर ज्यादा समय लग रहा है। कुछ मामलों में तो इसमें 30 सैंकंड तक का समय लग रहा है। नियामक ने इससे संबंधित आंकड़े मांगे हैं। यह आंकड़े एक अक्टूबर से मांगे गये हैं। ट्राई इनकी पूरी जांच करेगा और देखेगा कि क्या इसके लिये औसत मूल्य तय किया जा सकता है या कोई अन्य कदम उठाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि इस समय दूरसंचार क्षेत्र में 2जी, 3जी और 4जी सहित अलग अलग प्रौद्योगिकियां है जिसकी वजह से काल जुड़ने में अधिक समय लगता है। उन्होंने कहा कि यह दूरसंचार आपरेटरों के नियंत्रण में नहीं है और यह प्रौद्योगिकी से जुड़ा मुद्दा है। 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़