TRAI ने दूरसंचार कंपनियों की चुनौतियां में ज्यादा बदलाव किए बिना सख्त मानदंड जारी किए: COAI
सीओएआई ने कहा कि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के सख्त प्रावधानों के साथ सेवा की गुणवत्ता के नए मानदंड दूरसंचार परिचालकों के सामने आने वाली रोल-आउट, अवैध ट्रांसमीटर जैसी चुनौतियों में ज्यादा बदलाव किए बिना आए हैं। ट्राई ने शुक्रवार को सेवा की गुणवत्ता के नए नियम जारी किए हैं।
नयी दिल्ली । उद्योग निकाय सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने रविवार को कहा कि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के सख्त प्रावधानों के साथ सेवा की गुणवत्ता के नए मानदंड दूरसंचार परिचालकों के सामने आने वाली रोल-आउट, अवैध ट्रांसमीटर जैसी चुनौतियों में ज्यादा बदलाव किए बिना आए हैं। ट्राई ने शुक्रवार को सेवा की गुणवत्ता के नए नियम जारी किए हैं, जिसके तहत दूरसंचार संचालकों के लिए जिला स्तर पर 24 घंटे से अधिक समय तक सेवा बाधित रहने की स्थिति में उपभोक्ताओं को मुआवजा देना अनिवार्य कर दिया गया है।
ट्राई ने नए नियमों के तहत प्रत्येक गुणवत्ता बेंचमार्क को पूरा करने में विफल रहने पर जुर्माने की राशि भी 50,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दी है। नियामक ने संशोधित नियमों - एक्सेस (वायरलाइन और वायरलेस) सेवा की गुणवत्ता के मानक और ब्रॉडबैंड (वायरलाइन और वायरलेस) सेवा विनियम, 2024 के तहत नियम उल्लंघन के विभिन्न पैमानों और झूठी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए एक लाख रुपये, दो लाख रुपये, पांच लाख रुपये और 10 लाख रुपये की श्रेणीबद्ध जुर्माना प्रणाली शुरू की है। सीओएआई के सदस्यों में रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया, बीएसएनएल आदि हैं। सीओएआई ने कहा कि नये नियमों से सेवा प्रदाताओं के लिए अनुपालन लागत बढ़ेगी, जबकि ग्राहकों को कोई लाभ नहीं मिलेगा।
सीओएआई के महानिदेशक एस पी कोचर ने कहा, “ट्राई ने पिछले कुछ वर्षों में सेवा की गुणवत्ता के मानकों को कड़ा किया है, लेकिन जमीनी हकीकत में कोई बदलाव नहीं हुआ है। टीएसपी अभी भी सेल टावर और फाइबर ऑप्टिक केबल लगाने के लिए सार्वजनिक और निजी भूमि पर बुनियादी ढांचे की तैनाती के लिए अनुमति प्राप्त करते समय राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) के मुद्दों से जूझ रहे हैं।” उन्होंने कहा कि 5जी नेटवर्क के लिए स्ट्रीट फर्नीचर की अतिरिक्त आवश्यकता के कारण स्थिति और भी गंभीर हो गई है। स्ट्रीट फर्नीचर में बिजली के खंभे, बस स्टॉप और ट्रैफिक लाइट जैसी सार्वजनिक संरचनाएं शामिल हैं।
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