दो रेटिंग एजेंसियों, साझेदार ने Adani पर दबाव कम करने में की मदद

 Adani
प्रतिरूप फोटो
Google Creative Commons

दो वैश्विक रेटिंग फर्मों ने समूह की कंपनियों की रेटिंग को बरकरार रखा और उसके फ्रांसीसी साझेदार ने समूह की कंपनियों में अपने निवेश को सही ठहराया। इसके साथ ही 24 जनवरी के बाद पहली बार समूह की प्रमुख फर्म अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए।

पिछले कुछ दिनों की उथल-पुथल के बाद संकटग्रस्त कारोबारी गौतम अडाणी के अगुवाई वाले समूह के लिए शुक्रवार का दिन कुछ राहत भरा रहा। दो वैश्विक रेटिंग फर्मों ने समूह की कंपनियों की रेटिंग को बरकरार रखा और उसके फ्रांसीसी साझेदार ने समूह की कंपनियों में अपने निवेश को सही ठहराया। इसके साथ ही 24 जनवरी के बाद पहली बार समूह की प्रमुख फर्म अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए।

हालांकि, दिन के कारोबार में कंपनी के शेयर 35 प्रतिशत तक गिर गए थे। अडाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड भी आठ प्रतिशत की तेजी के साथ बंद हुआ। अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी समूह पर ‘शेयरों में गड़बड़ी करने और लेखा धोखाधड़ी’ में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। इसके बाद से समूह की कंपनियों के शेयरों में लगातार गिरावट आ रही है। अडाणी समूह ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में लगाए आरोपों को खारिज किया है।

अडाणी समूह की दो कंपनियों में हिस्सा रखने वाली फ्रांस की दिग्गज ऊर्जा कंपनी टोटलएनर्जीज ने शुक्रवार को कहा कि समूह के शेयरों में भारी गिरावट के बीच उसने अपनी हिस्सेदारी को लेकर कोई पुनर्मूल्यांकन नहीं किया है। टोटलएनर्जीज ने बयान में कहा कि अडाणी समूह की कंपनियों में उसने अपना निवेश भारतीय कानूनों का पूरी तरह पालन करते हुए और अपनी आंतरिक संचालन प्रक्रिया के आधार पर किया था। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने कहा कि वह अडाणी समूह की कंपनियों के पास नकदी की स्थिति समेत उनकी वित्तीय मजबूती का आकलन कर रही है।

एक अन्य रेटिंग एजेंसी फिच ने कहा कि समूह की कंपनियों को लेकर अभी उसकी रेटिंग प्रभावित नहीं होगी। हालांकि, अमेरिकी रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने अडाणी पोर्ट्स और अडाणी इलेक्ट्रिसटी की साख को बरकरार रखते हुए दोनों कंपनियों के परिदृश्य को स्थिर से नकारात्मक कर दिया। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा कि भारत का बैंकिंग क्षेत्र मजबूत और स्थिर है। केंद्रीय बैंक ने साथ ही यह भी कहा कि वह ऋणदाताओं पर लगातार नजर बनाए हुए है।

आरबीआई ने बयान में कहा कि एक ‘व्यावसायिक समूह’ को भारतीय बैंकों के कर्ज के बारे में चिंता जताने वाली मीडिया रिपोर्टों को संज्ञान में लेते हुए वह लगातार बैंकिंग क्षेत्र की निगरानी कर रहा है। हालांकि, आरबीआई ने अडाणी समूह का नाम नहीं लिया। देश के सबसे बड़े बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने शुक्रवार को कहा कि अडाणी समूह की कंपनियों को उसने करीब 27,000 करोड़ रुपये का कर्ज दिया हुआ है जो कुल वितरित ऋणों का सिर्फ 0.88 प्रतिशत है।

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा ने शुक्रवार को कहा कि उसने संकट में घिरे अडाणी समूह की कंपनियों को कर्ज में पिछले दो साल में कटौती की है और बकाया कर्ज की गुणवत्ता को लेकर उसे कोई चिंता नहीं है। कांग्रेस और 15 अन्य विपक्षी दलों ने कहा कि वे अडाणी समूह के खिलाफ ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ द्वारा लगाए गए आरोपों से जुड़े मामले पर चर्चा और जांच की मांग संसद के दोनों सदनों में उठाते रहेंगे।

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के संसद भवन स्थित कक्ष में 16 दलों की बैठक में कांग्रेस, द्रमुक, आम आदमी पार्टी, भारत राष्ट्र समिति, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड) और कई अन्य दलों के नेता शामिल हुए। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) अडाणी समूह से जुड़े मामले में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की मांग को लेकर 13 फरवरी को प्रदर्शन करेगी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार अडाणी समूह से जुड़े मामले पर संसद में चर्चा नहीं होने दे रही है क्योंकि उसे लगता है कि यह उसके लिए शर्मिंदगी का कारण बन सकता है।

दूसरी तरफ, संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि विपक्ष को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होने देनी चाहिए तथा वे लोग चर्चा के दौरान जो चाहे वह मुद्दा उठा सकते हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने न्यज18 को बताया कि अडाणी घटनाक्रम से भारतीय नियामक प्रणाली के बारे में कोई राय नहीं बनती है और वित्तीय बाजार अच्छी तरह से संचालित हो रहे हैं। वित्त सचिव टी वी सोमनाथन ने कहा कि अडाणी समूह के शेयरों में भारी गिरावट से शेयर बाजार में मची आपाधापी वृहद-आर्थिक नजरिये से ‘चाय के प्याले में उठा तूफान’ भर है।

‘चाय के प्याले में उठा तूफान’ एक मुहावरा है, जिसका मतलब है कि ऐेसे मामले को लेकर गुस्सा और चिंता दिखाना, जो महत्वपूर्ण नहीं है। सोमनाथन ने पीटीआई-को दिए साक्षात्कार में कहा कि भारत की सार्वजनिक वित्तीय प्रणाली काफी मजबूत है और शेयर बाजार की उठापटक सरकार की चिंता का विषय नहीं है। उन्होंने कहा कि इस बारे में जरूरी कदम उठाने के लिए स्वतंत्र नियामक मौजूद हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़