यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने एमटीएनएल के सभी खातों पर रोक लगाई
दूरसंचार कंपनी ने इन बैंकों से कुल 5,573.52 करोड़ रुपये का ऋण जुटाया था। घाटे में चल रही दूरसंचार कंपनी ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों से कुल 7,873.52 करोड़ रुपये उधार लिए हैं और कंपनी का कुल ऋण 31,944.51 करोड़ रुपये है।
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने बकाया भुगतान न करने पर कर्ज में डूबी सरकारी दूरसंचार कंपनी एमटीएनएल के सभी खातों पर रोक (फ्रीज) लगा दी है। महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) ने बुधवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने कंपनी को ऋण न चुकाने पर उसके सभी खातों पर रोक लगाने की 21 अगस्त को जानकारी दी।
दूरसंचार कंपनी ने कहा, ‘‘आपको सूचित किया जाता है कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने 21 अगस्त के अपने पत्र के जरिये एमटीएनएल को सूचित किया है कि उसका खाता 12 अगस्त, 2024 से गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) में डाल दिया गया है। इस वजह से यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के साथ हमारे सभी खाते अपने-आप ही फ्रीज हो गए हैं।’’
अगस्त की शुरुआत में एमटीएनएल ने शेयर बाजारों को सूचित किया था कि उसने 422.05 करोड़ रुपये के बैंक कर्ज भुगतान में चूक की है। एमटीएनएल द्वारा साझा किए गए विवरण के मुताबिक, उसने लिए गए कर्जों पर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को 155.76 करोड़ रुपये, भारतीय स्टेट बैंक को 140.37 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ इंडिया को 40.33 करोड़ रुपये, पंजाब एंड सिंध बैंक को 40.01 करोड़ रुपये, पंजाब नेशनल बैंक को 41.54 करोड़ रुपये और यूको बैंक को 4.04 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया है।
दूरसंचार कंपनी ने इन बैंकों से कुल 5,573.52 करोड़ रुपये का ऋण जुटाया था। घाटे में चल रही दूरसंचार कंपनी ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों से कुल 7,873.52 करोड़ रुपये उधार लिए हैं और कंपनी का कुल ऋण 31,944.51 करोड़ रुपये है।
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