अमेरिकी कंपनियां भारत को एफडीआई ‘पड़ाव’ मानती हैं: गडकरी

[email protected] । Jul 20 2016 4:01PM

अमेरिकी कंपनियां भारत को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का अगला ‘पड़ाव’ मानती हैं और वे वहां बुनियादी ढांचा तथा परिवहन क्षेत्र में अरबों डालर का निवेश करने की इच्छुक हैं।

वाशिंगटन। अमेरिकी कंपनियां भारत को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का अगला ‘पड़ाव’ मानती हैं और वे वहां बुनियादी ढांचा तथा परिवहन क्षेत्र में अरबों डालर का निवेश करने की इच्छुक हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, ‘‘अमेरिकी कंपनियों और निवेशकों में भारत में निवेश करने को लेकर काफी उत्साह है। इसके नतीजे जल्द दिखने लगेंगे।’’ गडकरी की एक सप्ताह की अमेरिका यात्रा इसके साथ संपन्न हो गई है। अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान गडकरी वाशिंगटन, न्यूयार्क, सेंट लुइस, सान फ्रांसिस्को तथा लॉस एंजिलिस गए।

गडकरी ने इस बात को स्वीकार किया कि देश का बुनियादी ढांचा क्षेत्र पीछे है और अंतरराष्ट्रीय मानदंडों तक पहुंचने के लिए इसे अभी लंबा रास्ता तय करना है। उन्होंने कहा कि देश के परिवहन ढांचे के आधुनिकीकरण तथा उन्नयन से वृद्धि की रफ्तार बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने बुनियादी ढांचा क्षेत्र में बिना अड़चन तथा सुगम तरीके से एफडीआई लाने के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका में उनकी जो बातचीत हुई है उससे उन्हें पूरा भरोसा है कि देश में अरबों डालर का निवेश आएगा। गडकरी ने कहा कि देश में सड़क नेटवर्क के निर्माण, महत्वाकांक्षी सागरमाला परियोजना तथा वाहनों में हरित और स्वच्छ ईंधन के इस्तेमाल को प्रोत्साहन से देश में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा होंगे और इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

अपनी सप्ताह भर की अमेरिका यात्रा के दौरान गडकरी की निवेश बैंकरों, कोष प्रबंधकों तथा बुनियादी ढांचा क्षेत्र में व्यापार और उद्योग जगत के दिग्गजों के साथ बैठकें हुईं। गडकरी ने कहा कि इन बैठकों से भारत में निवेश अड़चनों तथा लालफीताशाही के बारे में अवधारणा को दूर करने में मदद मिली।

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