अमेरिका अब द्विपक्षीय व्यापार समझौतों पर जोर देगा

[email protected] । Jan 24 2017 12:42PM

ट्रंप प्रशासन ने कहा कि वह दुनिया में अपने सहयोगी देशों के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौतों पर ही जोर देगा। उसका कहना है कि टीपीपी जैसे बहुपक्षीय व्यापार समझौते अमेरिका के हित में नहीं हैं।

वाशिंगटन। अमेरिका के ट्रंप प्रशासन ने कहा है कि वह दुनियाभर में अपने सहयोगी देशों के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौतों पर ही जोर देगा। उसका कहना है कि टीपीपी जैसे बहुपक्षीय व्यापार समझौते अमेरिका के हित में नहीं हैं। व्हाइट हाउस की ओर से यह घोषणा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रशांत पारीय भागीदारी (टीपीपी) से अमेरिका के हटने का ज्ञापन जारी करने के ठीक बाद की गई है। टीपीपी एक बहुपक्षीय समझौता है जिसमें अमेरिका और 11 अन्य देश शामिल हैं।

व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसेर ने सोमवार को अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘जैसा की राष्ट्रपति ने कई बार कहा है, इस तरह के बहुपक्षीय समझौते हमारे हित में नहीं हैं। वह ऐसी व्यापार नीतियों की तरफ बढ़ना चाहते हैं जिनसे कि अमेरिकी कामगारों और विनिर्माताओं की प्रतिस्पर्धा बढ़े।’’ उन्होंने कहा कि बड़े बड़े बहुराष्ट्रीय समझौते अमेरिका के हित में नहीं हैं। ‘‘द्विपक्षीय समझौतों में सबसे बेहतर बात यह है कि समझौते में शामिल कोई भी पक्ष किसी भी समय उससे बाहर हो सकता है। उन्हें यदि लगता है कि उनके साथ ठीक नहीं हो रहा है तो वह आसानी से समझौते पर फिर से बात कर सकते हैं। जबकि बहुराष्ट्रीय समझौतों में ऐसा नहीं हो पाता है। कोई भी कदम उठाना हो अथवा किसी को समझौते से बाहर करना है तो उसमें शामिल सभी देशों की सहमति उस पर लेनी होती है। ऐसी स्थिति में अमेरिका के हितों को आगे नहीं रखा जा सकता है।’’

व्हाइट हाउस प्रेस सचिव ने कहा, ‘‘आप जब इस तरह के बहुराष्ट्रीय समझौतों में शामिल होते हैं तो आप सभी देशों के बराबर हो जाते हैं चाहे वह कितना भी बड़ा अथवा छोटा हो।’’ स्पाइसेर ने कहा कि चीन भी द्विपक्षीय समझौते ही कर रहा है।

इस बीच सिडनी से प्राप्त एक रिपोर्ट के अनुसार आस्ट्रेलिया ने टीपीपी को बचाने के लिये चीन को इसमें शामिल करने की कोशिशें शुरू कर दीं हैं। आस्ट्रेलिया ने कहा है कि अमेरिका के बाहर होने की पहल के बीच वह प्रशांत पारीय भागीदारी समझौते को नये सिरे से तैयार करेगा और इसमें चीन के लिये दरवाजे खोलेगा। इस समझौते में एशिया प्रशांत क्षेत्र के करीब 12 देश शामिल हैं जो कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में 40 प्रतिशत भागीदारी रखते हैं। हालांकि, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनाव अभियान के अनुरूप कदम उठाते हुये सोमवार को इस समझौते से हटने की पहल की है। आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मालकोल्म टर्नबुल ने कहा है कि उनकी सरकार जापान, न्यूजीलैंड और सिंगापुर सहित टीपीपी से जुड़े दूसरे देशों के साथ संपर्क में है जिसमें इस समझौते को बचाने पर चर्चा की जा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘टीपीपी को अमेरिका के बिना आगे बढ़ाने की संभावनायें भी हैं।’’ ‘‘बेशक, चीन को टीपीपी में शामिल करने की भी संभावनायें हैं।’'

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