भारत में बंद हो सकता है Vodafone, मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने दिए संकेत
पहली छमाही के नतीजों की घोषणा के बाद संवाददाताओं से कहा कि गैर मददगार नियमनों, अत्यधिक करों और उसके ऊपर उच्चतम न्यायालय के प्रतिकूल फैसले से वित्तीय रूप से हमपर काफीबोझ है।
नयी दिल्ली। ब्रिटेन की दूरसंचार कंपनी वोडाफोन ने कहा है कि यदि उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद उसे हजारों करोड़ रुपये का सांविधिक बकाया चुकाने के लिए बाध्य किया जाता है तो भारत में उसका टिक पाना मुश्किल हो सकता है। वोडाफोन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी निक रीड ने कहा कि एक दशक से अधिक से चल रहे कानूनी विवाद में उसने इन बकायों के लिए कोई प्रावधान नहीं किया है। रीड ने कहा कि सरकार को बकायों की मांग में कुछ नरमी बरतनी चाहिए ताकि वोडाफोन समूह का कारोबार भारत में आगे भी बना रह सके।
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पहली छमाही के नतीजों की घोषणा के बाद संवाददाताओं से कहा कि गैर मददगार नियमनों, अत्यधिक करों और उसके ऊपर उच्चतम न्यायालय के प्रतिकूल फैसले से वित्तीय रूप से हमपर काफीबोझ है। उन्होंने कहा कि काफी लंबे अरसे से भारत हमारे लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहा है।
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यह पूछे जाने पर कि क्या ऐसे में कंपनी के लिए भारत में बिना राहत पैकेज के बने रह पाना संभव है, उन्होंने कहा कि यह काफी गंभीर स्थिति है। सरकार कह चुकी है कि वह एकाधिकार की स्थिति पैदा करने के पक्ष में नहीं है। इस साल अप्रैल-सितंबर तिमाही में भारत में वोडाफोन को परिचालन में हानि बढ़ कर 69.2 करोड़ यूरो हो गयी। एक साल पहले इसी तिमाही में परिचालन में हानि 13.3 करोड़ यूरो थी।
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