फ्लिपकार्ट सौदे में कर देनदारी की जानकारी के लिए IT जा सकती है वॉलमार्ट
अमेरिका की खुदरा कंपनी वॉलमार्ट 16 अरब डॉलर के फ्लिपकार्ट सौदे में कर देनदारी का पता लगाने के लिये आयकर विभाग से विथहोल्डिंग कर (एक तरह का टीडीएस) प्रमाणपत्र मांग सकती है।
नयी दिल्ली। अमेरिका की खुदरा कंपनी वॉलमार्ट 16 अरब डॉलर के फ्लिपकार्ट सौदे में कर देनदारी का पता लगाने के लिये आयकर विभाग से विथहोल्डिंग कर (एक तरह का टीडीएस) प्रमाणपत्र मांग सकती है। आयकर विभाग को उम्मीद है कि वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट सौदे को अब सीसीआई की मंजूरी मिल गयी है तो एक पखवाड़े के भीतर अमेरिकी कंपनी आयकर अधिनियम की धारा 197 के तहत प्रमाणपत्र लेने के लिये आवेदन कर सकती है।
आयकर विभाग के एक अधिकारी ने कहा, "हमें बताया गया था कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की मंजूरी के एक हफ्ते के भीतर सौदे को पूरा कर लिया जायेगा। इसलिये हमें उम्मीद है कि वॉलमार्ट अधिनियम की धारा 197 के तहत विथहोल्डिंग कर प्रमाण पत्र मांगने के लिये आयकर अधिकारियों के समक्ष आवेदन कर सकती है।" आयकर अधिनियम की धारा 197 के तहत, शेयरों बेच रहे एनआरआई (प्रवासी भारतीय) भारत के कर अधिकारियों को ऐसे कारण बता सकता है जिसके आधार पर भारत में उस पर कम या शून्य दर से कर लगाया जाना चाहिये।
वॉलमार्ट ने पिछले महीने आयकर विभाग को भरोसा दिलाया था कि वह अपने सभी कर दायित्वों को पूरा करेगी। वालमार्ट ने इस बारे में कहा, ‘‘हम जहां भी परिचालन करते हैं वहां करों के भुगतान समेत अपने कानूनी दायित्वों को बेहद गंभीरता से लेते हैं। हम भारत के कर प्राधिकरणों के सवालों का जवाब देने के लिए उनके साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे।’’
ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट ने मई में कर विभाग को शेयर खरीद समझौते के कागजात जमा किए थे। फिलहाल कर विभाग यह गणना कर रहा है कि फ्लिपकार्ट के निवेशकों की शेयर बिक्री आय पर किस किस दर से कर लागू किया जा सकता है। अधिकारी ने कहा, "आयकर विभाग शेयर खरीद समझौते की जांच-परख कर रहा है। इस बात का भी गहराई से अध्ययन किया रहा है निवेशकों ने किस किस देश या न्याय क्षेत्र के जरिए कंपनी में धन लगाया है। साथ ही यह भी देखा जा रहा है उन्हें भारत की किसी कर संधि का लाभ मिल सकता है।"
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