हम 2022 तक अक्षय ऊर्जा का लक्ष्य हासिल कर लेंगे: आरके सिंह
क्षेत्र के समक्ष समस्याओं के बारे में उन्होंने कहा कि बैठक में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिये जमीन और पारेषण की समस्या के समाधान पर बात हुई है
नयी दिल्ली। बिजली मंत्री आर के सिंह ने मंगलवार को 2022 तक 1,75,000 मेगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता स्थापित करने का भरोसा जताया। उन्होंने यह भी कहा कि घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिये हम जल्दी ही नई योजना लाएंगे। यहां अक्षय ऊर्जा संसाधनों के मामले में धनी राज्यों के बिजली मंत्रियों के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने यह बात कही। उल्लेखनीय है कि सरकार ने 2022 तक अक्षय ऊर्जा के विभिन्न स्रोतों से 1,75,000 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता सृजित का लक्ष्य रखा है। इसमें 1,00,000 मेगावाट सौर ऊर्जा से प्राप्त करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें पूरा भरोसा है कि 2022 तक अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में निर्धारित लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा।’’ सिंह ने कहा, ‘‘फिलहाल अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में हमारी स्थापित क्षमता 80,000 मेगावाट है जबकि 24,000 मेगावाट स्थापित होने की प्रक्रिया में है। इसके अलावा 40,000 मेगावाट बोली प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में हैं।’’
Chaired the meeting of the Power and Renewable Energy Ministers of Renewable resource-rich states. pic.twitter.com/Y8wInT7NtE
— R. K. Singh (@RajKSinghIndia) June 11, 2019
क्षेत्र के समक्ष समस्याओं के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘बैठक में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिये जमीन और पारेषण की समस्या के समाधान पर बात हुई है। हमने यह भी निर्णय किया कि राज्य अक्षय ऊर्जा खरीद बाध्यता (आरपीओ) को पूरा करेंगे।’’ इसके अलावा सभी राज्यों से अक्षय ऊर्जा से जुड़ी परियोजनाओं के लिये बोली प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा गया है। एक सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि किसानों से जुड़ी कुसुम योजना को वित्त मंत्रालय से मंजूरी मिल गयी है। इस योजना के तहत जो भीबिजली होगी, उसे सरकार खरीदेगी। इससे किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी। इस योजना के तहत किसान बंजर जमीन पर दो मेगावाट की सौर ऊर्जा क्षमता लगा सकते हैं।
इसे भी पढ़ें: RBI ने ब्याज दरें घटाईं, आम लोगों को मिली बड़ी राहत
एक सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि हमारा जोर सातों दिन 24 घंटे बिजली देने पर है। साथ ही क्षेत्र को वाणिज्यिक रूप से व्यवहारिक और टिकाऊपन बनाने पर भी हमारा जोर है। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा, ‘‘घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिये सरकारी उत्पादक योजना (गवर्नमेंट-प्रोड्यूसर योजना) पर विचार किया गया है।’’ उन्होंने बताया, ‘‘हमारी वित्त मंत्रालय के साथ बैठक हुई है। हमने इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिये एम-सिप्स (संशोधित विशेष प्रोत्साहन पैकेज योजना) की तर्ज पर एमएनआरई के लिये अलग योजना का प्रस्ताव किया है। वित्त मंत्रालय ने इस पर गौर करने पर सहमति जतायी है।’’ इस योजना के तहत विनिर्माताओं को प्रत्यक्ष सब्सिडी दी जाती है। बैठक में राजस्थान, गुजरात, तमिलनाडु, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र आदि राज्यों के मंत्री शामिल हुए। इसके अलावा कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।
अन्य न्यूज़