क्यों कम हो रहे हैं बाजार में 2000 के नोट, सरकार ने राज्यसभा में बतायी वजह

2000 rs note

वित्त मंत्रालय में राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि विशेष मूल्य व के बैंक नोटों की छपाई का फैसला सरकार की ओर से रिजर्व बैंक की सलाह पर जनता की लेनदेन संबंधी मांग को आसान बनाने और नोटों की उपलब्धता को बनाए रखने के लिए किया जाता है

2016 में हुई नोटबंदी के बाद बाजार में  500 और 2000 के नए नोट प्रचलन में आए। लेकिन अब खबर आ रही है कि बाजार में इन नोटों की संख्या लगातार कम होती जा रही है। इस साल नवंबर में बाजार में 2000 रुपयों के नोटों की संख्या घटकर 223.3 करोड़ या कुल नोटों का 1.75 फीसदी रह गई, मार्च 2018 में इन नोटों की संख्या 36.3 करोड़ थी।

इसे भी पढ़ें: प्रवर्तन निदेशालय ने धनशोधन मामले में केरल में पीएफआई के परिसरों पर छापे मारे

 राज्यसभा में वित्त राज्य मंत्री का जवाब

 वित्त मंत्रालय में राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि विशेष मूल्य व के बैंक नोटों की छपाई का फैसला सरकार की ओर से रिजर्व बैंक की सलाह पर जनता की लेनदेन संबंधी मांग को आसान बनाने और नोटों की उपलब्धता को बनाए रखने के लिए किया जाता है।  उन्होंने आगे कहा 31 मार्च 2018 को 2000 रुपए के 36.3 करोड़ रुपए के नोट चलन में थे मात्रा और मूल्य के मामले में एनआईसी का 3.27 प्रतिशत और 37.26 प्रतिशत है। इसके मुकाबले 26 नवंबर 2021 को 2,233  एमपीसी चलन में थे जो मात्रा और मूल्य के संदर्भ में में एनआईसी का 1.75 और 15.11 प्रतिशत है।  चौधरी ने आगे कहा कि नोटों की छपाई के लिए करंसी प्रिंटिंग प्रेस के पास कोई नया मांग पत्र नहीं रखा गया है।

इसे भी पढ़ें: कौन उड़ा रहा था जनरल बिपिन रावत का हेलीकॉप्टर? बूढ़े माता-पिता ने बयां किया अपने इकलौते बेटे को खोने का दर्द

किस वजह से आई 2000 के नोटो में कमी

 वित्त राज्य मंत्री ने कहा नोटबंदी के बाद जारी किए गए 2000 के नोट के चलन में कमी इसलिए है क्योंकि साल 20018-19 से नोटों की छपाई का कोई नया ऑर्डर नहीं मिला है। इसके अलावा नोट खराब भी हो जाते हैं क्योंकि वह गंदे हो जाते हैं, और कट जाते हैं। यही वजह है कि नए नोट नहीं छापे जा रहे हैं और पुराने बेकार होकर बाजार से बाहर जा रहे हैं जिसके चलते नोटों की कमी हो गई है। साल 2016 में नवंबर को सरकार के नोट बंदी के फैसले के बाद जिसमें 500 और 1000 के नोटों को अवैध करार दिया गया था। 2000 के नए नोट और 500 नोटों की बाजार में एंट्री हुई।  और बाद में 100 और 200 के नए नोट भी चलन में आए।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़