ब्रिटिश संयंत्र में नौकरी गंवाने वाले कर्मचारियों के कौशल विकास पर निवेश करेंगेः Tata Steel Chairman
एन चंद्रशेखरन ने कहा कि कंपनी ब्रिटेन के पोर्ट टैलबोट में स्थित अपने संयंत्र में आधुनिकीकरण की वजह से प्रभावित कर्मचारियों के कौशल विकास के लिए निवेश पर वहां की सरकार और कर्मचारी संगठनों के साथ मिलकर काम कर रही है। कम कार्बन उत्सर्जन वाले इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस (ईएएफ) को लगाने की प्रक्रिया चल रही है।
नयी दिल्ली । टाटा स्टील के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने सोमवार को कहा कि कंपनी ब्रिटेन के पोर्ट टैलबोट में स्थित अपने संयंत्र में आधुनिकीकरण की वजह से प्रभावित कर्मचारियों के कौशल विकास के लिए निवेश पर वहां की सरकार और कर्मचारी संगठनों के साथ मिलकर काम कर रही है। टाटा स्टील के पोर्ट टैलबोट संयंत्र में पुराने ब्लास्ट फर्नेस की जगह कम कार्बन उत्सर्जन वाले इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस (ईएएफ) को लगाने की प्रक्रिया चल रही है। इसकी वजह से लगभग 2,500 लोगों की नौकरी चली गई है। इस छंटनी के विरोध में कर्मचारी संगठनों ने हड़ताल पर जाने की धमकी दी थी।
चंद्रशेखरन ने टाटा स्टील की 117वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) को संबोधित करते हुए कहा कि कंपनी इस बात को मानती है कि निष्पादन के नजरिये से यह बदलाव मुश्किल है। उन्होंने कहा, ‘‘कंपनी ब्रिटेन की सरकार और कर्मचारी संगठनों के साथ मिलकर काम कर रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हम प्रभावित कर्मचारियों के कौशल विकास पर पर्याप्त निवेश करें ताकि उनका भविष्य बेहतर हो सके।’’
हालांकि उन्होंने इस निवेश के बारे में विस्तार से नहीं बताया। टाटा स्टील के चेयरमैन ने कहा कि ईएएफ से सालाना 50 लाख टन कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन की कटौती होगी, पोर्ट टैलबोट में इस्पात उत्पादन की निरंतरता सुनिश्चित होगी और अधिकांश नौकरियों को बचाया जा सकेगा। हालांकि, टाटा स्टील यूके में नौकरियों का नुकसान होगा। टाटा स्टील के पोर्ट टैलबोट संयंत्र की सालाना क्षमता 30 लाख टन है और वह ब्रिटेन में अपने सभी परिचालनों में लगभग 8,000 लोगों को रोजगार देती है। टाटा स्टील और ब्रिटेन की सरकार ने सितंबर, 2023 में पोर्ट टैलबोट इकाई में कार्बन कटौती योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए 1.25 अरब पाउंड की संयुक्त निवेश योजना पर सहमति जताई थी।
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