महिला के बल पर ही 9-10 % की वृद्धि दर हासिल कर सकता है भारत: कान्त
भारत को लगातार तीन दशक तक 9 से 10 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करने और युवा आबादी का लाभ उठाने के लिए महिला ओं में उद्यमशीलता बढ़ाने की जरूरत है।
नयी दिल्ली। भारत को लगातार तीन दशक तक 9 से 10 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करने और युवा आबादी का लाभ उठाने के लिए महिला ओं में उद्यमशीलता बढ़ाने की जरूरत है। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कान्त ने आज यह बात कही। उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि हरियाणा की खाप पंचायतों द्वारा महिलाओं केलिए स्वास्थ्य, शिक्षा और पोषण के लाभ पर ध्यान न देने के कारण राज्य के कई पिछड़े जिलों का प्रदर्शन आकांक्षा ओं से काफी नीचे है।
उन्होंने कहा कि यदि महिलाएं बेहतर स्थिति में नहीं रहेंगी तो समाज के समक्ष पीढ़ी दर पीढ़ी कुपोषण और नवजात शिशु मृत्यु दर बढ़ती जाएगी। कान्त ने आज यहां एक कार्यक्रम में कहा कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में महिलाओं के और अधिक योगदान की जरूरत है। हमारे जीडीपी में महिलाओं का योगदान 22 प्रतिशत है , जबकि वैश्विक औसत 44 से 45 प्रतिशत का है।
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे में यदि भारत को लगातार तीन दशक तक 9-10 प्रतिशत की सतत वृद्धि दर हासिल करनी है और जनसांख्यिकीय लाभ का फायदा उठाना है तो वृद्धि की रणनीति में महिला उद्यमशीलता पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। नीति आयोग के सीईओ ने कहा कि जब भी महिलाओं को मौका दिया जाता है तो उनका प्रदर्शन पुरुषों से बेहतर रहता है। हमारा मानना है कि यदि आप भारत में बदलाव लाना चाहते हैं तो आपको महिला उद्यमशीलता पर विशेष ध्यान देना होगा।
इस परिप्रेक्ष्य में उन्होंने मेवात का उदाहरण देते हुए कहा कि आकांक्षीय जिलों में इसका प्रदर्शन सबसे खराब है, क्योंकि खाप पंचायतों द्वारा महिलाओं को स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए पर्याप्त अवसर नहीं दिए जाते। सिर्फ यही एक वजह है जिससे जिले का प्रदर्शन खराब रहा है।
अन्य न्यूज़