यस बैंक अपने पूर्व प्रमुख को दिया गया 1.44 करोड़ का बोनस लेगा वापस

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फंसे कर्ज की समस्या से जूझ रहा यस बैंक निदेशक मंडल की कमजोरियों को लेकर रिजर्व बैंक के रडार पर है। कपूर यस बैंक के संस्थापकों और प्रवर्तकों में शामिल है। बैंक ने अपना कामकाज 2004 में शुरू किया।

नयी दिल्ली। यस बैंक आरबीआई के निर्देश पर बड़ा कदम उठाने में लग गया है। बैंक अपने संस्थापक और पूर्व प्रमुख राणा कपूर को बोनस के रूप में दिये गये 1.44 करोड़ रुपये वापस लेगा। फंसे कर्ज की समस्या से जूझ रहा यस बैंक निदेशक मंडल की कमजोरियों को लेकर रिजर्व बैंक के रडार पर है। कपूर यस बैंक के संस्थापकों और प्रवर्तकों में शामिल है। बैंक ने अपना कामकाज 2004 में शुरू किया। मार्च 2019 की स्थिति के अनुसार अभी भी उनकी बैंक में 4.32 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

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उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने पिछले साल अक्टूबर में नियामकीय मुद्दों को लेकर कपूर को सेवा विस्तार देने से मना कर दिया था। केंद्रीय बैंक ने यस बैंक में कंपनी संचालन में गंभीर चूक और अनुपालन में कमियों की संस्कृति का उल्लेख किया था। इसके आधार पर राणा कपूर को सेवा विस्तार देने इनकार कर दिया। यस बैंक ने बृहस्पतिवार को जारी सालाना रिपोर्ट में कहा कि केंद्रीय बैंक के दिशा निर्देश के अनुसार बैंक निदेशक मंडल ने मामले पर विचार किया और राणा कपूर से उनको 2014-15 और 2015-16 के दिया गया 100 प्रतिशत प्रदर्शन बोनस वापस मांगे जाने को मंजूरी दी गयी।

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इसमें कहा गया है कि बोनस राशि 2014-15 के लिये 62,17,823 रुपये तथा 2015-16 के लिये 82,45,416 करोड़ रुपये है। वित्त वर्ष 2016-17 तथा 2017-18 के लिये कोई बोनस नहीं दिया गया। कपूर ने जनवरी 2019 में कार्यकाल समाप्त होने से पहले प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी के रूप में 10 महीने के लिये 6.48 करोड़ रुपये का वेतन लिया। यस बैंक ने रणवीत सिंह गिल को सालाना 6 करोड़ रुपये के पैकेज पर कपूर का उत्तराधिकारी नियुक्त किया। इस बीच, आरबीआई ने पूर्व डिप्टी गवर्नर आर गांधी को बैंक के निदेशक मंडल में अतिरिक्त निदेशक नियुक्त किया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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