कालिग्राफी है अलग व स्टाइलिश कॅरियर विकल्प

मिताली जैन । Dec 14 2016 3:33PM

विभिन्न स्टाइल व रचनात्मक तरीकों से शब्दों को लिखने के इस अनूठे कॅरियर विकल्प को कालिग्राफी के नाम से जाना जाता है। यह एकदम अलग व स्टाइलिश कॅरियर विकल्प है।

जब कोई बच्चा स्कूल जाने लगता है तो शुरू से ही टीचर इस बात पर ध्यान देती है कि बच्चे द्वारा लिखा गया हर एक शब्द बेहद खूबसूरत हो। लेकिन अक्सर देखने में आता है कि जैसे−जैसे बच्चे बड़े होते जाते हैं, उनका ध्यान अपनी हैंडराइटिंग से हटने लगता है। शायद आपको पता न हो लेकिन अगर आप सुंदर लिखने की क्षमता रखते हैं तो सिर्फ अपनी हैंडराइटिंग के दम पर ही एक बेहद उज्जवल भविष्य देख सकते हैं। विभिन्न स्टाइल व रचनात्मक तरीकों से शब्दों को लिखने के इस अनूठे कॅरियर विकल्प को कालिग्राफी के नाम से जाना जाता है। यह एकदम अलग व स्टाइलिश कॅरियर विकल्प है। 

समझें कालिग्राफी को

कालिग्राफी एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें लेखन के विभिन्न टूल्स का प्रयोग करके शब्दों व संकेतों को अलग तरीके से निखारा जाता है। दूसरे शब्दों में, इसे कालिग्राफी विजुअल आर्ट कहा जा सकता है। तकनीकी के इस युग में लोग मानते हैं कि कंप्यूटर के अत्यधिक प्रयोग के कारण कालिग्राफी की कला को काफी नुकसान हुआ है। लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है। कालिग्राफी सदियों से अस्तित्व में है तथा यह आज भी प्रासंगिक है। यह एक समृद्ध विरासत है तथा यह डिजिटल मीडिया द्वारा भी अडैप्टड किया जा रहा है। मॉडर्न कालिग्राफी में टाइपोग्राफी व नॉन−क्लासिकल हैंड लेटरिंग आदि का भी अभ्यास किया जाता है। इसलिए अब कालिग्राफर पेन बेस्ड व कंप्यूटर बेस्ड वेरियशन के जरिए फॉन्ट डिजाइन, डेस्कटॉप वॉलपेपर, मैन्युस्क्रिप्ट डिजाइन, होर्डिंग डिजाइन, साइनबोर्डस, पेकेजिंग डिजाइन, फाइन आर्टस आदि में भी कार्य करते हैं।

स्किल्स

एक बेहतरीन कालिग्राफर बनने के लिए आपका कलात्मक व रचनात्मक दिमाग होना बेहद आवश्यक है। इसके अतिरिक्त आपको शब्दों, चित्रों व रूपांकनों से प्रेम भी होना चाहिए व उन्हें अपनी कलात्मकता व कल्पनाशीलता का प्रयोग कर हर दिन एक नया स्वरूप देने की इच्छा व क्षमता भी होनी चाहिए। एक कालिग्राफर में सौंदर्य बोध के अतिरिक्त कलात्मक संतुलन का अद्भुत मिश्रण होता है। इस क्षेत्र में अपने कौशल को सुधारने के लिए धैर्य व कठिन परिश्रम की आवश्यकता होती है। इसलिए आपके भीतर एकाग्रता व दृढ़ संकल्प भी होना चाहिए ताकि आप अपने क्षेत्र में निपुण हो सकें।


योग्यता

वैसे तो भारत में कालिग्राफी के लिए कोई अलग से कोर्स उपलब्ध नहीं है लेकिन फाइन आर्ट्स के स्टूडेंटस कुछ शॉर्ट टर्म कोर्सेस के जरिए कालिग्राफी के बेसिक्स जैसे स्क्रिप्ट, स्टाइल्स, फान्ट्स, टेक्निक व मेथड्स सीख सकते हैं।


संभावनाएं

आप ग्रीटिंग कार्डस, इनविटेशन, घोषणाओं, प्रमाण पत्र, बिजनेस कार्डस, मोनोग्राम्स, पोस्टर्स, मोटिवेशनल आर्ट प्रिंटस व मैगजीन व फिल्म के टाइटल्स में अपनी कला का बेहतरीन प्रदर्शन कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त आप पेंटिंग्स, मैप, लीगल डाक्यूमेंट, सिरेमिक, स्मारक दस्तावेज और अन्य हैंडमेड प्रस्तुतियों में भी काम कर सकते हैं। आप चाहें तो किसी टैटू आर्टिस्ट के साथ मिलकर बॉडी आर्ट डिजाइनिंग में भी अपना योगदान दे सकते हैं। आप किसी ग्रीटिंग कार्ड कंपनी, पब्लिशिंग हाउस, प्रिंटिंग शॉप्स व वेडिंग प्लानर्स के साथ जुड़कर जॉब कर सकते हैं या फिर बतौर फ्रीलांसर भी अपनी सेवाएं दे सकते हैं। इसके अतिरिक्त आप अपना खुद का बिजनेस भी शुरू कर सकते हैं। 

कमाई

इस क्षेत्र में आपकी आमदनी आपको मिलने वाले प्रोजेक्ट व आपकी लेखन क्षमता पर निर्भर करती है। लेकिन फिर भी आप शुरूआती दौर में 15000 रूपए प्रतिमाह आसानी से कमा सकते हैं।

प्रमुख संस्थान

इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्टस, नई दिल्ली http://ignca.nic.in/ 

कालिग्राफी इंडिया, विभिन्न केन्द्र  http://www.calligraphyindia.com/ 

अच्युत पल्लव स्कूल ऑफ कालिग्राफी, मुम्बई  http://www.apsc.net.in/ 

राइट राइट, इंदौर http://www.writerightindia.com/ 

श्री योगेश्वरी इंस्टीटयूट ऑफ हैंडराइटिंग, बैंगलोर

- मिताली जैन

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