तकनीक के इस युग में खेलते−खेलते बनाएं कॅरियर
आज न सिर्फ बच्चे बल्कि यूथ भी गेमिंग एप्स का लुत्फ पूरे मजे से उठाते हैं। ऐसे में इस क्षेत्र में कॅरियर की अपार संभावनाएं दिख सकती हैं। इन गेम्स के प्रति लोगों का क्रेज बढ़ता ही जा रहा है।
आज के दौर में बच्चे टेक्नोसेवी हो गए हैं, वह अपनी जरूरत के लिए मोबाइल, कंप्यूटर या इंटरनेट का ही रूख करते हैं। पढ़ाई से हटकर अब खुद को रिफ्रेश करने व गेम खेलने के लिए भी वह कंप्यूटर का ही सहारा लेते हैं। ऐसे में आजकल बच्चे गुल्ली−डंडा, कबड्डी या खो−खो जैसे खेलों से भले ही वाकिफ हों या न हों लेकिन मारियो, सुपर कांटा, एंग्री बर्डस, फ्रूट निंजा जैसे गेमों से भली−भांति वाकिफ होते हैं। कुछ समय पहले तक घर के बाहर मैदान में खेले जाने वाले गेम्स अब बच्चों के हाथों में समा गए हैं। उन्हें वह अपने समय के हिसाब से खेल सकते हैं। यह सब संभव हुआ है केवल गेम डेवलपर्स की वजह से। आज न सिर्फ बच्चे बल्कि यूथ भी गेमिंग एप्स का लुत्फ पूरे मजे से उठाते हैं। ऐसे में इस क्षेत्र में कॅरियर की अपार संभावनाएं दिख सकती हैं। दिन प्रतिदिन जैसे−जैसे टेक्नोलॉजी एडवांस होती जा रही है वैसे−वैसे गेम्स का क्रेज भी बढ़ता जा रहा है। गेम्स की इसी बढ़ती लोकप्रियता ने इस क्षेत्र में कॅरियर के नए आयाम खोले हैं। अगर आप भी गेम लवर हैं तो बतौर गेम डेवलपर अपना भविष्य देख सकते हैं।
स्किल्स
गेम बनाने की प्रक्रिया वैज्ञानिक ज्ञान और कलात्मक और रचनात्मक क्षमता का अनोखा मिश्रण है। इस क्षेत्र में सफल होने के लिए आपमें क्रिएटिविटी व पैशन होना आवश्यक है। एक गेम में डिजाइनिंग, एनीमेशन, प्लान, आर्टिस्टिक स्किल्स, प्रोग्रामिंग लैंग्वेज आदि की जरूरत होती है। इसके लिए आपको कंप्यूटर की विस्तृत जानकारी होनी चाहिए। साथ ही यह सब काम करने के लिए एक टीम की आवश्यकता होती है। इसलिए आपको टीम में काम करना आना जरूरी है। साथ ही टीम मैनेजमेंट भी बहुत जरूरी है। इसलिए लीडरशिप क्वालिटी का होना भी बहुत आवश्यक है। नए खेल का निर्माण करने के लिए हाई नॉलेज होना बहुत ही जरूरी है। नई−नई गेम्स खेलने का जुनून, हर गेम्स के लास्ट लेवल तक पहुंचने की इच्छा, गेम्स का हर वर्जन खेलना। संक्षिप्त में आपका गेम लवर होना बहुत जरूरी है, यदि यह सब खूबियां आपमें हैं तो एक नई दुनिया आपका इंतजार कर रही है। यह काफी वक्त लेने वाला काम है, इसलिए गेम के निर्माण में कलात्मक प्रतिभा के साथ−साथ धैर्य का होना भी आवश्यक है।
कोर्स व योग्यता
प्रोफेशनल कोर्स में दाखिला लेने के लिए आपका 12वीं पास होना आवश्यक है। आप चाहें तो बीएफए इन डिजिटल डिजाइन जैसे डिग्री कोर्स कर सकते हैं। चाहें तो डिप्लोमा कोर्स करके भी इस क्षेत्र में भविष्य देख सकते हैं। डिप्लोमा कोर्सेस में प्रोफेशनल डिप्लोमा गेम आर्ट, प्रोफेशनल डिप्लोमा इन डिजिटल आर्ट एंड डिजाइन, प्रोफेशनल डिप्लोमा इन एनीमेशन, डिप्लोमा इन गेम आर्ट, सर्टिफिकेट इन 3डी विजुअलाइजेशन, सर्टिफिकेट इन गेम एनवायरमेंट आदि प्रमुख हैं।
संभावनाएं
गेम्स के बढ़ते क्रेज के कारण क्षेत्र में अपार संभावनाएं मौजूद हैं। एक अनुमान के अनुसार भारत में आज करीब पचास हजार गेमिंग प्रोफेशनल्स की जरूरत है लेकिन मात्र दस से पंद्रह फीसदी प्रोफेशनल्स ही बाजार में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। गेमिंग इंडस्ट्री में आप बतौर गेम डिजाइनर, गेम आर्टिस्ट, गेम प्रोग्रामर, नेटवर्क प्रोग्रामर, गेम राइटर, ऑडियो साउंड इंजीनियर, गेम टेस्टर और गेम मैनेजमेंट अपना भविष्य देख सकते हैं। गेमिंग इंडस्टी में अभ्यर्थी चाहे तो छोटे या बड़े ऑर्गनाइजेशन, कॉरपोरेशंस और डिजाइन संस्थानों को भी ज्वाइन कर सकता है।
सैलरी
इस क्षेत्र में गेम डेवलपर की दिनोंदिन बढ़ती मांग को देखते हुए उनकी आमदनी काफी अच्छी होती है। एक सीनियर प्रोग्रामर 100000 से लेकर 120000 सालाना हो सकती है। वहीं गेम टेस्टर की सैलरी घंटे के हिसाब से होती है।
प्रमुख संस्थान
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ डिजाइन पाल्दी, अहमदाबाद।
सेंटर फॉर इलेटॉनिस डिजाइन एंड टेक्नोलॉजी ऑफ इंडिया, चंडीगढ़।
फॉरच्यून इंस्टिट्यूट ऑफ कम्युनिकेशन, नई दिल्ली।
महात्मा गांधी विश्वविद्यालय, केरल।
माया एकेडमी ऑफ एडवांस सिनेमेटिस, मुंबई।
एशियाई इंस्टिट्यूट ऑफ गेमिंग एंड एनीमेशन (www.aiga.in/)।
इंस्टिटयूट ऑफ गेमिंग एंड एनीमेशन (www.igaglbal.com)।
आई सी ए टी डेसिंग एंड मीडिया कॉलेज (www.icat.ac.in)।
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