NTA कराएगा अब JEE परीक्षा साल में दो बार, जानिये पूरी बात

What will be benefits of NTA for JEE appearing students in 2019?
करन ठाकुर । Jul 17 2018 8:11PM

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने घोषणा की है कि राष्ट्रीय स्तर की इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षा यानी JEE Main और NEET ऑनलाइन मोड में 2019 से वर्ष में दो बार आयोजित की जाएगी।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने घोषणा की है कि राष्ट्रीय स्तर की इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षा यानी JEE Main और NEET ऑनलाइन मोड में 2019 से वर्ष में दो बार आयोजित की जाएगी। प्रकाश जावड़ेकर ने नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए इस नए बदलाव की घोषणा की। जावड़ेकर के ने साथ-साथ यह भी बताया की संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) मुख्य और राष्ट्रीय योग्यता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) नवगठित परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसी NTA यानी राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी की ओर से आयोजित की जाएगी।

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कब आयोजित होगी परीक्षा?

NEET और JEE Main के अलावा, NTA अब राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NET), कॉमन मैनेजमेंट एडमिशन टेस्ट (CMAT) और ग्रेजुएट फार्मेसी एटिट्यूड टेस्ट (GPAT) परीक्षाएं भी आयोजित करेगी। राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NET) दिसंबर में आयोजित की जाएगी और यह नवगठित निकाय द्वारा आयोजित की जाने वाली पहली परीक्षा होगी। दूसरी ओर JEE Main (मुख्य परीक्षा) जनवरी और अप्रैल में आयोजित की जाएगी जबकि NEET फरवरी और मई में दो बार आयोजित की जाएगी। यहां आपको बता दें कि केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी CBSE मौजूदा समय में JEE Main और NEET परीक्षा आयोजित करने के लिए जिम्मेदार नोडल एजेंसी है। यह अनुमान लगाया जा रहा है की सीबीएसई के कार्यभार में कटौती को ध्यान में रखते हुए यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।

पाठ्यक्रम में नहीं होगा कोई बदलाव

वहीं इस दौरान जावड़ेकर ने कहा कि ये प्रतियोगी परीक्षा भिन्न-भिन्न तारीखों पर आयोजित की जाएगी। साथ ही जो उम्मीदवार इन परीक्षाओं के लिए उपस्थित होंगे, उन्हें परामर्श प्रक्रिया में दोनों परीक्षाओं से सर्वश्रेष्ठ स्कोर का उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी। हालांकि इस दौरान उन्होंने ये भी बताया कि परीक्षा के लिए पाठ्यक्रम, प्रश्न प्रारूप, भाषा और फीस में किसी भी तरह को कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।

इसके अलावा प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए यह भी साफ़ कर दिया कि दोनों ही तरह की परीक्षाओं में पहले से ज्यादा चौकसी और सुरक्षा बरती जाएगी। यानि अधिक सुरक्षित और अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों के बराबर ही परीक्षा को आयोजित किया जाएगा। 

छात्रों के पास होगा तारीख चयन करने का विकल्प

NTA के आने से अब राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी की शुरूआत के साथ सीबीएसई प्रतिस्पर्धी परीक्षा कर्तव्यों से मुक्त हो गया है। यानि मंत्री जी की घोषणा के बाद ये साफ हो गया है कि एनटीए छात्रों को लाभान्वित करेगा और परीक्षा के लिए अभ्यास करने के लिए अगस्त-अंत से कंप्यूटर केंद्रों में जाने का विकल्प होगा। जिसके लिए परीक्षण कंप्यूटर आधारित होंगे। साथ ही परीक्षा चार-पांच दिनों की अवधि में आयोजित की जाएगी और छात्रों के पास तारीखों का चयन करने का विकल्प भी होगा।    

एनटीए द्वारा आयोजित परीक्षाओं की समय सारणी मंत्रालय की वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी। हालांकि, आईआईटी संयुक्त प्रवेश परीक्षा-उन्नत परीक्षा आयोजित करना जारी रखेगी। बजट घोषणा 2017-18 के अनुपालन में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 10 नवंबर 2017 को आयोजित बैठक में एनटीए को उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करने के लिए एक स्वायत्त और आत्मनिर्भर प्रमुख परीक्षण संगठन के रूप में अनुमोदित करने की मंजूरी दे दी थी। कई अखबारों और ऑनलाइन साइट्स ने यह भी अनुमान लगाया था की JEE Main 2018 का आयोजन भी NTA ही करेगा हालांकि सीबीएसई ने ही परीक्षा का आयोजन किया था।

छात्रों को प्रशिक्षण देगा NTA

वहीं ग्रामीण छात्रों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, एनटीए उप-जिला / जिला स्तर के केंद्रों का पता लगाएगा और जहां तक संभव हो छात्रों को प्रशिक्षण प्रदान करेगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अनुसार, मंत्रालय की ओर से नियुक्त एक प्रतिष्ठित शिक्षाविद् की अध्यक्षता में NTA की अध्यक्षता की जाएगी। एनटीए के सीईओ सरकार द्वारा नियुक्त महानिदेशक होंगे और उपयोगकर्ता संस्थानों के सदस्यों सहित बोर्ड ऑफ गवर्नर्स होंगे। महानिदेशक और विशेषज्ञों की अध्यक्षता में 9 वर्टिकल के जरिए ही महानिदेशक की सहायता की जाएगी।

इसके अलावा कैबिनेट मीटिंग के फैसले के अनुसार, एनटीए को भारत सरकार से पहले वर्ष में अपना ऑपरेशन शुरू करने के लिए 25 करोड़ रुपये का एक बार अनुदान दिया जाएगा। उसके बाद ही यह वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर होगा।

बहरहाल, NTA की स्थापना से अलग-अलग प्रवेश परीक्षाओं में लगभग 40 लाख छात्र उपस्थित होंगे। इससे सीबीएसई, एआईसीटीई और अन्य एजेंसियों को इन प्रवेश परीक्षाओं के संचालन की ज़िम्मेदारी से राहत मिलेगी। साथ ही योग्यता और बुद्धि का आकलन करने के लिए उच्च विश्वसनीयता, मानकीकृत कठिनाई स्तर भी दिखाई देगा।

-करन ठाकुर

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