घाटी में कर्फ्यू के चलते रोजाना स्थगित हो रही हैं शादियाँ
कश्मीर वादी में जारी कर्फ्यू के कारण ईद के बाद होने वाली सैकड़ों शादियों को स्थगित कर दिया गया है या बेहद सादे समारोह में मेहमानों के बिना संपन्न हुई हैं।
कहते हैं जोड़ियां स्वर्ग में बनती हैं और जमीं पर इंसान उन्हें सिर्फ मिलाने का कार्य करते हैं। पर कश्मीर घाटी के सैंकड़ों नवयुवकों को इस कथन पर अब विश्वास इसलिए नहीं रहा है क्योंकि वादी-ए-कश्मीर में कर्फ्यू ने उनकी जोड़ियां बनते बनते रूकवा दीं हैं। वैसे ऐसा पहली बार नहीं हुआ है बल्कि वर्ष 2008 में भी अमरनाथ जमीन आंदोलन के दौरान तथा 2010 में कश्मीर में लगाए गए कर्फ्यू ने शादी के इच्छुक नवयुवकों के साथ ऐसा भद्दा मजाक किया था।
कश्मीर में ईद के बाद के अवसर पर लगाए गए कर्फ्यू का सीधा असर इन शादियों पर भी हुआ है। शुक्रवार देर रात लगाए गए कर्फ्यू और उसका सख्ती से हो रहा पालन दुल्हा बनने जा रहे नवयुवकों में इतनी हिम्मत नहीं जुटा पाया कि वे कर्फ्यू पास होने के बावजूद अपनी दुल्हनों को लिवाने घरों से बाहर निकल पाते। ऐसे में कश्मीर वादी में जारी कर्फ्यू के कारण ईद के बाद होने वाली सैकड़ों शादियों को स्थगित कर दिया गया है या बेहद सादे समारोह में मेहमानों के बिना संपन्न हुई हैं।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक कश्मीर घाटी के अधिकांश हिस्सों में व्यापक विरोध प्रदशनों के मद्देनजर ऐहतियात के तौर पर राजधानी श्रीनगर और अन्य प्रमुख शहरों में शुक्रवार देर रात को ही कर्फ्यू लगा दिया गया था। कर्फ्यू के कारण लोग शादियों में शरीक नहीं हो पाए। जिसके कारण अधिकांश शादियों को स्थगित कर दिया गया है। मेजबान अपने मेहमानों को शादियों के स्थगित होने की सूचना दे रहे हैं। हालांकि कुछ शादियां सादे समारोह में संपन्न हुई हैं जिनमें सिर्फ गिनती के दो-चार लोग ही शामिल हुए थे।
एजाज अहमद बेसब्री से ईद-उल-फितर के तीन दिन बाद के इंतजार में था। छह साल बाद उसकी शादी उस लड़की से होनी थी जिसे वह कॉलेज के दिनों से जानता था। अचानक आतंकी बुरहान की मुठभेड़ में मौत के बाद कश्मीर में भड़की हिंसा के कारण निकाह टालना पड़ा। एजाज की शादी के अलावा बीते चार दिनों में लगभग एक हजार से ज्यादा शादियां व दावतें स्थगित हो चुकी हैं। कश्मीर में प्रकाशित होने वाले स्थानीय अंग्रेजी व उर्दू दैनिकों में रोजाना ऐसे कई विज्ञापन प्रकाशित हो रहे हैं जिसमें लोग दावतों, शादी समारोहों को मौजूदा हालात के कारण स्थगित करने की सूचना दे रहे हैं। कइयों ने निकाह तक स्थगित कर दिए हैं, क्योंकि दुल्हन को लेने के लिए जहां बारात जानी है, वहां हिंसक प्रदर्शनों का तीव्र दौर चल रहा है।
एजाज अहमद ने कहा कि मेरी बारात अवंतीपोरा जानी थी, मेरा निकाह नौ जुलाई को तय था। पहले हमने बारात रद की और अंततः हमने हालात को देख निकाह की रस्म भी स्थगित कर दी। हालात ठीक होने पर ही निकाह होगा। दावत नहीं करेंगे। राजबाग श्रीनगर के रहने वाले मुश्ताक अहमद ने कहा कि हमारा बहुत नुकसान हुआ है। हमने वाजा (कश्मीरी रसोईया) को उसकी सेवाओं के लिए एक लाख का अग्रिम भुगतान किया था। शादी की दावत का सारा सामान भी जमा किया था। गोश्त लाना था, लेकिन हालात बिगड़ गए। हमें सारा समारोह रद करना पड़ा। रिश्तेदार आ नहीं सकते थे, अन्यथा हमारे घर दावत ए वलीमा होना था। शादी भी फिलहाल कुछ दिनों के लिए टल गई। अब दावत तभी होगी जब वाजा मिलेगा क्योंकि यह वाजा की उपलब्धता पर भी बहुत निर्भर करता है। क्या करें मौजूदा हालात में शहनाई कहां गूंजेगी, अच्छा भी नहीं लगता।
असरार अहमद ने अपने बेटे की शादी अगले एक दो महीने तक स्थगित कर दी है। वह बताते हैं- बटमालू में मेरे ही पड़ोस में गत रोज एक युवक की मौत हई है, कई जख्मी हैं, पूरे इलाके में हड़ताल है। अन्यथा 13 जुलाई को मेरे घर से मेरे बेटे की बारात निकलती। हमने लड़की वालों को सूचित किया, उनके इलाके में भी हालात ठीक नहीं हैं। उन्होंने भी हामी भर दी। अंग्रेजी व उर्दू दैनिकों में रोजाना कई विज्ञापन इस संबंध में प्रकाशित हो रहे हैं। कइयों को एडवांस देने के कारण नुकसान झेलना पड़ा है।
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