मोहम्मद शमी को लेकर पूर्व गेंदबाजी कोच ने दी टीम मैनेजमेंट को अहम सलाह, जानें क्या कहा?
मोहम्मद शमी बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज में खेलते हुए दिख सकते हैं। 33 साल के मोहम्मद शमी को लेकर भारत के पूर्व गेंदबाजी कोच पारस महाम्ब्रे से सवाल हुआ कि क्या इस तेज गेंदबाज को चोट और उम्र के मद्देनजर केवल एक या दो फॉर्मेट खेलना चाहिए?
भारत के स्टार तेज गेदंबाज मोहम्मद शमी पिछले साल वनडे वर्ल्ड कप के बाद से नहीं खेले हैं। एड़ी की सर्जरी के बाद वह एनसीए में रिहैब कर रहे हैं। हालांकि, वह बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज में खेलते हुए दिख सकते हैं। 33 साल के मोहम्मद शमी को लेकर भारत के पूर्व गेंदबाजी कोच पारस महाम्ब्रे से सवाल हुआ कि क्या इस तेज गेंदबाज को चोट और उम्र के मद्देनजर केवल एक या दो फॉर्मेट खेलना चाहिए? जिस पर उन्होंने टीम मैनेजमेंट को अहम सलाह दी है।
दरअसल, न्यूज 18 को दिए एक इंटरव्यू में पूर्व टीम इंडिया के बॉलिंग कोच पारस महाम्ब्रे ने शमी को लेकर भारतीय टीम मैनेजमेंट को अहम सलाह दी है। उन्होंने कहा कि शमी से इसे लेकर बातचीत होनी चाहिए। कोशिश होनी चाहिए की वह अगले 3-4 साल खेलें। ऐसा करने के लिए रास्त बनाना होगा। इसे लेकर उनसे बातचीत होनी चाहिए।
पारस महाम्ब्रे ने शमी को एक या दो फॉर्मेट खेलने के सवाल को लेकर कहा कि, मुझे लगता है कि आपको शमी के साथ इस बारे में बात करनी चाहिए। उन्हें फैसला करना चाहिए और ईमानदारी से बात करनी चाहिए। वह क्या करना चाहते हैं? जाहिर तौर पर आप इसके बारे में जानते हैं। आपको उन्हें ये विकल्प देना होगा। उनसे बात भी करनी होगी। हम उन्हें प्यार से लाला कहते हैं। लाला आप क्या चाहते हैं। आपकी योजना क्या है, आप कहां देखते हैं? इसमें आपके ट्रेनर, फिटनेस और एस एंड सी और डॉक्टर भी शामिल होने चाहिए।
साथ ही पारस महाम्ब्रे ने कहा कि, मुझे लगता है कि ये फैसला शमी को लेना है। इस बातचीत के बाद आप रास्ता बना सकते हैं। लेकिन उनसे बातचीत करें। आपको कभी-कभी उन्हें चुनौती भी देनी पड़ सकती है। उनके ध्यान में कोई खास फॉर्मेट हो सकता है। उन्हें एक खिलाड़ी के तौर पर लग सकता है कि वे तीनों फॉर्मेट खेल सकते हैं। लेकिन तर्कसंगत फैसला लेना होगा। क्या ये वाकई फायदेमंद है? क्या टीम केलिए काफी अहमियत है?
पूर्व बॉलिंग कोच ने कहा कि, शमी टीम केलिए एक अहम खिलाड़ी हैं, या नहीं? हमें ये सुनिश्चित कनरे की जरूरत है कि वह अगले तीन, चार साल तक टीम में बने रहें। तो बातचीत उद्देश्य ये है कि हम उन्हें अगले तीन साल तक टीम में रख सकते हैं तो इसके लिए हम रास्ता कैसे बना सकते हैं? तो उसके सात इस बारे में बात करें। यही एकमात्र तरीका है, ये एक अनोखा हुनर है। दुनिया में बहुत कम लोगों के पास ये हुनरे है, देश की तो बात ही छोड़िए।
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