धोनी-विराट को लेकर गौतम गंभीर के बयान ने उड़ा दिए होश! कहा- 'ड्रेसिंग रूम में स्टार या हीरो पैदा न करें'

Gautam Gambhir
ANI

टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी गौतम गंभीर अपनी सटीक बात बोलने से पीछे नहीं हटते हैं। अब उन्होने भारतीय क्रिकेट को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होने कहा कि किसी भी एक खिलाड़ी को हीरो बनाने से अच्छा है हमें भारतीय टीम को सपोर्ट करना चाहिए।

टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी गौतम गंभीर अपनी सटीक बात बोलने से पीछे नहीं हटते हैं। वहीं, एक बार फिर गंभीर ने ऐसे खिलाड़ियों के बारे में टिप्पणी कर दी है जिनका भारत में बोलबाला है। 

दरअसल, गौतम गंभीर ने अपने एक बयान में साफ किया है कि लोग किसी एक क्रिकेटर की पूजा करना बंद करें। बल्कि सभी को क्रिकेट टीम को सपोर्ट करना चाहिए। उन्होने बताया कि हमें ऐसे खिलाड़ी पर भी फोकस करना चाहिए जिसने थोड़ा ही सही लेकिन टीम में अपना योगदान दिया हो। 

पूर्व दिग्गज ने इंडियन एक्सप्रेस के आइडिया एक्सचेंज प्रोग्राम में कहा, "ड्रेसिंग रूम में स्टार या हीरो पैदा करना बंद करना चाहिए बल्कि क्रिकेट को ही असली हीरो होना चाहिए कोई व्यक्ति नहीं। हमें किसी एक खिलाड़ी को बड़ा बनाने के बजाए पूरी टीम को बड़ा बनाने पर फोकस करना चाहिए।"

"भुवी की तरफ नहीं दिया गया ध्यान, विराट की बात हुई"- गौतम गंभीर 

गंभीर ने एशिया कप का जिक्र करते हुए कहा, "जिस दिन विराट कोहली ने 71वां शतक लगाया था, उसी मैच में एक छोटे से शहर मेरठ के भुवनेश्वर कुमार ने भी 5 विकेट हासिल किए थे। लेकिन, किसी ने भी उनके बारे में चर्चा नहीं चलाई। यह सच में दुर्भाग्यपूर्ण है। उस समय मैं इकलौता शख्स था, जिसने कमेंट्री के दौरान लगातार भुवी को लेकर बात की। भुवनेश्वर ने उस मैच में 4 ओवर में 5 विकेट हासिल किए थे। मुझे नहीं लगता कि इसके बारे में कोई और जानता होगा।"

उन्होने विराट के शतक को लेकर कहा, "विराट कोहली ने शतक लगाया तो पूरा देश जश्न मना रहा था। भारत को इस हीरो संस्कृति से बाहर निकलना होगा। हमें सिर्फ भारतीय क्रिकेट की पूजा करनी होगी।"

"सोशल मीडिया से पनपी हीरो संस्कृति"

गंभीर ने कहा, "भारतीय क्रिकेट में हीरो संस्कृति मीडिया और सोशल मीडिया फॉलोअर्स से पनपी। यह इस देश में सबसे नकली चीज है, क्योंकि आपके कितने फॉलोअर्स हैं, इससे आपका अंदाजा लगाया जा सकता है।"

उन्होने आगे कहा, "यदि रोजाना एक आदमी की बातें करते रहेंगे तो एक दिन वो खुद ही एक ब्रांड बन ही जाएगा। ऐसा 1983 में हुआ था। जब भारत ने पहला वर्ल्ड कप जीता था। जीत के बाद से ही लगातार कपिल देव की बातें होती थी। इसके बाद हमने 2007 और 2011 में वर्ल्ड कप जीता, तो फिर धोनी की बातें होने लगी। यह सब किसने शुरू किया? किसी खिलाड़ी या बीसीसीआई ने तो ऐसा नहीं किया है। कभी किसी न्यूज चैनल ने भारतीय क्रिकेट के बारे में बात नहीं की है। दो या तीन लोग हैं, जो भारतीय क्रिकेट के स्टेकहोल्डर्स हैं। भारतीय़ क्रिकेट किसी एक खिलाड़ी से नहीं चलता बल्कि इसमें सभी 15 खिलाड़ियों का योगदान होता है।"

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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