सहवाग ने बताया, कैसे करते थे सचिन की नकल का प्रयास

Sehwag

हमारे समय में ऐसी सुविधायें नहीं थी कि किसी से आनलाइन बात करके या वीडियो सबस्क्राइब करके सीखा जा सके। अगर ऐसा होता तो मैं जरूर करता और बेहतर सीख पाता।

मुंबई। भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने बुधवार को यादों की परतें खोलते हुए बताया कि कैसे वह महान बल्लेबाज और लंबे समय तक अपने सलामी जोड़ीदार रहे सचिन तेंदुलकर की नकल करने का प्रयास करते थे जिन्हें उन्होंने पहली बार 1992 विश्व कप में बल्लेबाजी करते टीवी पर देखा था। सहवाग ने कहा ,‘‘क्रिकेट मैदान पर खेला जाता है लेकिन काफी कुछ सीखा जा सकता है।यदि मैं अपना उदाहरण दूं तो मैने 1992 विश्व कप से क्रिकेट देखना शुरू किया और उस समय मैं सचिन की बल्लेबाजी देखकर उनकी नकल करने का प्रयास करता था।’’ 

इसे भी पढ़ें: महेन्द्र सिंह धोनी की अगुवाई में IPL खेलना चाहते हैं स्पिनर राशिद खान, कोहली को लेकर कहीं ये बात

उन्होंने कहा ,‘‘ वह कैसे स्ट्रेट ड्राइव लगाते थे या बैकफुट पंच मारते थे। मैने 1992 में टीवी पर देखकर काफी कुछ सीखा।’’ भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज और सहवाग के साथ क्रिकगुरू ऐप के सह संस्थापक संजय बांगड़ ने ऐप के लांच के मौके पर कहा ,‘‘ आजकल के समय में आपके पास अपने पसंदीदा क्रिकेटरों के वीडियो हैं मसलन एबी डिविलियर्स, ब्रायन लारा, क्रिस गेल या वीरेंद्र सहवाग या कोई और। हमारे समय में वीडियो उपलब्ध नहीं थे।’’ 

इसे भी पढ़ें: मुश्किल में खिलाड़ी बटलर और मोर्गन, भारतीयों के खिलाफ नस्लीय टिप्पणी मामले में हो सकती है कार्रवाई

सहवाग ने कहा ,‘‘हमारे समय में ऐसी सुविधायें नहीं थी कि किसी से आनलाइन बात करके या वीडियो सबस्क्राइब करके सीखा जा सके। अगर ऐसा होता तो मैं जरूर करता और बेहतर सीख पाता।’ खेल के मानसिक और तकनीकी दोनों पहलुओं पर जोर देते हुए सहवाग ने कहा ,‘‘ मानसिक पहलू अहम है और हमने उसी को ध्यान में रखकर यह ऐप लांच किया है। इसके बाद हम क्रिकेट की तकनीक पर बात करेंगे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़