उमरान को बड़ी उपलब्धि हासिल करने का खुद पर भरोसा था: पिता अब्दुल राशिद

Umran Malik
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उन्होंने जम्मू से फोन पर पीटीआई-को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘‘ बड़ी संख्या में लोग मुझे बधाई देने के लिए आ रहे है। मैं अब घर जा रहा हूं और इसके जश्न में शामिल होऊंगा। अभी इंटरनेट पर खबर देखी। राष्ट्रीय टीम की जर्सी पहनने से बड़ी उपलब्धि और क्या हो सकती है।’’ उनकी आवाज में खुशी की खनक महसूस की जा सकती थी।

 नयी दिल्ली| दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू टी20 अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला के लिए भारतीय टीम में जगह बनाने वाले तेज गेंदबाज उमरान मलिक के पिता अपनी खुशी को शब्दों में बयां नहीं कर पा रहे है। मलिक के पिता अब्दुल राशिद फल ब्रिकेता है और वह पिछले दो महीने से अपने बेटे के भारतीय टीम में चयन होने का सपना देख रहे थे।

जम्मू कश्मीर के 21 साल के मलिक ने आईपीएल के 13 मैचों में 21 विकेट लिये लेकिन इन विकेटों से ज्यादा उन्होंने 150 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से लगातार गेंदबाजी करने के कारण अधिक सुर्खियां बटोरी। टीम का चयन होने के साथ ही शाम पांच बजे के बाद राशिद के फोन पर बधाई संदेशों की बाढ़ सी आ गयी।

उन्होंने जम्मू से फोन पर पीटीआई-को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘‘ बड़ी संख्या में लोग  मुझे बधाई देने के लिए आ रहे है। मैं अब घर जा रहा हूं और इसके जश्न में शामिल होऊंगा। अभी इंटरनेट पर खबर देखी। राष्ट्रीय टीम की जर्सी पहनने से बड़ी उपलब्धि और क्या हो सकती है।’’ उनकी आवाज में खुशी की खनक महसूस की जा सकती थी।

उन्होंने कहा, ‘‘ उन्होंने आईपीएल में अपने प्रदर्शन से हम सभी को गौरवान्वित किया है और जिस तरह से पूरे देश ने उसका साथ दिया, हम एक परिवार के रूप में केवल उसका आभार जता सकते हैं। मेरे उमरान को पूरे देश के समर्थन मिला है।’’ उमरान को खेल में आगे बढ़ाने के लिए राशिद और उनकी पत्नी ने कई बलिदान दिये लेकिन वह खुद कोई श्रेय नहीं लेना चाहते है।

उन्होंने कहा, ‘‘ उमरान को विश्वास था कि एक दिन वह सफलता प्राप्त करेगा। उसे अपने कौशल और प्रतिभा पर पूरा यकीन था और उसने  इसके लिए कड़ी मेहनत की। यह पूरी तरह से उसकी सफलता है और  ऊपर वाले का आशीर्वाद भी है। उसने कड़ी मेहनत की और अल्लाह ने उसका समर्थन किया। मैं इस लायक नहीं हूं कि उसकी कड़ी मेहनत का श्रेय लूं।’’ उमरान जम्मू कश्मीर के दूसरे क्रिकेटर है जिसका चयन राष्ट्रीय टीम के लिए हुआ है। इससे पहले परवेज रसूल ने भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया है। रसूल का संबंध घाटी (कश्मीर) से था तो वही उमरान जम्मू से है।

उन्होंने शुरुआती दिनों में कोच रणधीर सिंह मन्हास और राज्य के अनुभवी तेज गेंदबाज राम दयाल की देख रेख में अभ्यास  किया था। मन्हास ने कहा कि जब 17 साल की उम्र में उमरान उनके पास आये थे तब उन्होंने सिर्फ नेट पर गेंदबाजी करने की मांग की और अब वह इतिहास का हिस्सा है।

उन्होंने कहा, ‘‘ तवी नदी के किनारे घर होने के कारण उमरान ने रेतीली जगह पर क्रिकेट खेला है, जिससे उनके शरीर का निचला हिस्सा काफी मजबूत है। ’’

राशिद के लिए उमरान को भारतीय टीम की ब्लू जर्सी में देखना एक सपना है। उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि वह अपने प्रदर्शन से देश को गौरवान्वित करें। हमारे लिए और कुछ मायने नहीं रखता।’’

उनके चयन के बाद जम्मू के गुर्जर नगर स्थित उनकी कॉलोनी में उत्साह का माहौल है। लोग इस युवा खिलाड़ी के पोस्टर के साथ ढोल की थाप पर नाच रहे थे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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