सदर बाजार में घुसी पुलिस, 21 बच्चों को बचाकर लायी, आखिर इन मासूमों के साथ दिल्ली के सबसे बड़े मार्किट में क्या हो रहा था?
दिल्ली का सदर बाजार काफी ज्यादा व्यस्त और भीड़भाड़ वाला इलाका है। बहुत ज्यादा पतली-पतली गलियां है और शायद सबसे ज्यादा वहां पर दुकान हैं। यहाँ कौन क्या काम करता है उसका हिसाब लगाना थोड़ा मुश्किल हैं लेकिन इसके बाद भी दिल्ली पुलिस ने वहां पर एक बड़ी कार्यवाही की हैं।
दिल्ली का सदर बाजार काफी ज्यादा व्यस्त और भीड़भाड़ वाला इलाका है। बहुत ज्यादा पतली-पतली गलियां है और शायद सबसे ज्यादा वहां पर दुकान हैं। यहाँ कौन क्या काम करता है उसका हिसाब लगाना थोड़ा मुश्किल हैं लेकिन इसके बाद भी दिल्ली पुलिस ने वहां पर एक बड़ी कार्यवाही की हैं। दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को दिल्ली के सदर बाजार इलाके में बड़ी कार्रवाई की। सदर बाजार में विभिन्न दुकानों से 21 बाल मजदूरों को मुक्त कराया गया है। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।
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21 बच्चों को बाल श्रम से मुक्त कराया गया
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण-पश्चिम) सुरेंद्र चौधरी ने बताया, दिल्ली छावनी के तहसीलदार द्वारा गैर सरकारी संगठनों, श्रम विभाग और स्थानीय पुलिस की मदद से आठ अक्टूबर को सदर बाजार में एक अभियान चलाया और यहां की विभिन्न दुकानों से कुल 21 बच्चों को बाल श्रम से मुक्त कराया गया। अधिकारी ने बताया कि इनमें से 19 बच्चों को बुराड़ी स्थित मुक्ति आश्रम और दो लड़कियों को कश्मीरी गेट स्थित ‘रेनबो गर्ल्स होम’ भेजा गया है। इस संबंध में दिल्ली छावनी पुलिस थाने में बाल श्रम अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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पुलिस को जूट बैग बनाने वाली एक फैक्ट्री को लेकर मिला था हिंट
डीसीपी ने बताया कि 19 बच्चों को बुराड़ी स्थित मुक्ति आश्रम और दो लड़कियों को कश्मीरी गेट स्थित रेनबो गर्ल्स होम भेजा गया। साथ ही, दिल्ली छावनी थाने में बाल श्रम अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। वहां पुलिस को जूट बैग बनाने वाली एक फैक्ट्री में 18 बच्चे काम करते मिले। सभी बच्चे 11 से 17 साल की उम्र के थे और उत्तर प्रदेश, बिहार और उत्तराखंड के रहने वाले थे।
दिल्ली पुलिस, राजस्व विभाग और एनजीओ ने अभियान को अंजाम दिया
दिल्ली पुलिस, राजस्व विभाग और एक एनजीओ ने इस अभियान को अंजाम दिया। पुलिस को फैक्ट्री में काम कर रहे बच्चों के बारे में सूचना मिलने के बाद यह योजना शुरू की गई थी। पुलिस उपायुक्त (उत्तर-पूर्व) जॉय तिर्की ने कहा, "सूचना के बाद सीलमपुर के एसडीएम, एक एनजीओ और गामरी गांव के इलाके में स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर एक संयुक्त तलाशी और बचाव अभियान चलाया गया। तलाशी अभियान के दौरान 18 बच्चों को वहां से बचाया गया।" किशोर न्याय अधिनियम और बाल श्रम अधिनियम के तहत नौ लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई।
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