प्रजा ने राजा को दिखाया ऐसा दिन कि खाली करना पड़ेगा 33 साल पुराना बंगला

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लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया को भाजपा प्रत्याशी केपी यादव से करीब डेढ़ लाख वोटों के अंतर से हरा दिया था। जिसके बाद अब सिंधिया को सरकारी आवास खाली करके किराए के मकान में शिफ्ट होना पड़ेगा।

मध्य प्रदेश के गुना से पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का पता अब बदलने वाला है। नहीं मैं ग्वालियर स्थित जय विलास पैलेस की बात नहीं कर रहा। मैं बात कर रहा हूं माधवराव सिंधिया को आवंटित किए गए सरकारी आवास की। जो बाद में ज्योतिरादित्य सिंधिया का हो गया था। दरअसल कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया को दिल्ली के 27, सफदरजंग रोड पर स्थित अपने सरकारी आवास को खाली करना पड़ेगा।

लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया को भाजपा प्रत्याशी केपी यादव से करीब डेढ़ लाख वोटों के अंतर से हरा दिया था। जिसके बाद अब सिंधिया को सरकारी आवास खाली करके किराए के मकान में शिफ्ट होना पड़ेगा। बता दें कि 33 साल से यह मकान सिंधिया परिवार के पास है। लेकिन चुनाव हारने के बाद सिंधिया को सरकार द्वारा आवास खाली करने के लिए 6 महीने का वक्त दिया जाएगा।

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कांग्रेस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सिंधिया केंद्र सरकार द्वारा आवास खाली किए जाने का नोटिस भेजे जाने से पहले ही अपना पता बदल देना चाहते हैं। इसी वजह से सरकारी आवास में मौजूद सामानों की पैकिंग का काम शुरू हो चुका है। ज्ञात हो तो सिंधिया परिवार का एक पुश्तैनी बंगला भी दिल्ली में है लेकिन वह वहां पर शिफ्ट नहीं हो सकते हैं। क्योंकि उस बंगले के मालिकाना हक को लेकर अभी विवाद चल रहा है। 

ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा 27, सफदरजंग रोड पर स्थित सरकारी आवास को केंद्र सरकार मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल को आवंटित कर सकती हैं। फिलहाल तो केंद्र सरकारी सभी 57 मंत्रियों को आवास मुहैया कराने की योजना बना रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मोदी मंत्रिमंडल में जो चेहरे फिर से चुने गए हैं वो अपने पुराने आवास पर बने रहेंगे। जबकि नए मंत्रियों को सरकार आवास आवंटित करने की तैयारी कर रही है। 

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जब माधवराव सिंधिया को आवंटित हुआ था बंगला

साल 1986 में राजीव गांधी की सरकार में माधवराव सिंधिया को केंद्रीय रेल मंत्री बनाया गया था। उस वक्त सरकार ने उन्हें 27, सफदरजंग रोड पर स्थित सरकारी आवास आवंटित किया था। जो माधवराव सिंधिया के निधन के बाद साल 2001 में ज्योतिरादित्य सिंधिया (तब के नवनिर्वाचित सांसद) के नाम पर आवंटित हो गया था। हालांकि अभी ऐसा माना जा रहा था कि साल 2020 में मध्य प्रदेश से रिक्त होने वाली राज्यसभा सीट से सिंधिया को सांसद बनाया जाएगा और तब तक वह इस बंगले पर अपना कब्जा बनाए रख सकते हैं। लेकिन एचआरडी मिनिस्टर को यह बंगला आवंटित होने की खबरों के बीच वह इसे खाली करने का मन बना चुके हैं।

- अनुराग गुप्ता

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