मप्र के मुख्यमंत्री की अगुवाई में बना हैप्पीनेस विभाग
मध्य प्रदेश सरकार में आज हैप्पीनेस विभाग के गठन के साथ ही मध्य प्रदेश इस तरह का विभाग बनाने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। मुख्यमंत्री शिवराज इस विभाग के मुखिया होंगे।
भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार में आज हैप्पीनेस विभाग के गठन के साथ ही मध्य प्रदेश इस तरह का विभाग बनाने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस नवगठित विभाग के मुखिया होंगे। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद चौहान ने मंत्रालय में संवाददाताओं को बताया, ‘‘मंत्रिपरिषद ने प्रदेश में हैप्पीनेस विभाग के गठन का निर्णय लिया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘रोटी, कपड़ा और मकान की बुनियादी जरूरतों के अलावा लोगों को जीवन में आनंदित रहने के लिये कुछ और चीजों की भी आवश्यकता होती है।’’ उन्होंने बताया कि नये बनाये गये हैप्पीनेस विभाग में विशेषज्ञों को शामिल किया जायेगा। लोगों की जीवन में खुशियां लाने के लिये विशेषज्ञों से प्राप्त सुझावों पर अमल किया जायेगा।
चौहान ने कहा कि विकास का मापदंड आमतौर पर आर्थिक विकास के तौर पर देखा जाता है लेकिन इससे जनता की खुशहाली नहीं नापी जा सकती है। प्रतिष्ठा, पद और पैसे के अलावा और भी बहुत कुछ होता है जो मानव को आनंदित रखने के लिये जरूरी होता है। उन्होंने कहा कि यह अवधारणा भूटान में पहले से ही लागू है। वहां हैप्पीनेस इंडेक्स के जरिये लोगों की खुशी नापी जाती है। नवगठित हैप्पीनेस विभाग का प्रमुख के सवाल पर मुख्यमंत्री ने बताया कि फिलहाल वह स्वयं इसके मुखिया होगें।
इंदौर में पिपल्याहाना इलाके में तालाब की जमीन पर बनाये जा रहे जिला न्यायालय भवन के विरोध को देखते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि इंदौर का एक प्रतिनिधिमंडल इस संबंध में आज उनसे मिला था। इसके साथ ही इंदौर की सांसद और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भी उनसे इस संबंध में बात की थी। इसके बाद प्रदेश सरकार ने इस मामले पर पुनर्विचार करने का निर्णय लिया है और वैकल्पिक स्थान के चयन के लिये एक समिति बनाने का निर्णय लिया है। इस समिति में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के प्रतिनिधि भी शामिल किये जायेंगे।
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