दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पंत और साहा में किसे मिल सकता है मौका ?

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गौरतलब है कि जहां कोच रवि शास्त्री और कप्तान विराट कोहली साहा को मौका देने के पक्ष में है। वहीं दूसरी तरफ चयनकर्तां पंत को एक औऱ मौका देना चाहते है। चयनकर्ताओं का मानना है कि पंत अभी युवा है और उनके आत्मविश्वास के लिए उन्हें अभी कुछ और मौका मिलना चाहिए।

पिछले कुछ समय में रिषभ पंत का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। उन्हें लगतार टीम से निकाले जाने की मांग की जा रही है। कभी कप्तान कभी कोच तो कभी चयनकर्ता पंत को लेकर तरह-तरह के बयान देते है। लिमिटेड ओवर्स की क्रिकेट में तो पंत के नंबर 4 पर प्रदर्शन को लेकर टीम मैनेजमेंट नाखुश तो है ही लेकिन अब पंत की टेस्ट क्रिकेट से भी विदाई करने के उपर भारतीय टीम दो खेमों में बंट गई है। दरअसल 2 अक्टूबर से टीम इंडिया को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 3 मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी है। यह सीरीज टीम इंडिया के लिए काफी अहम है क्योंकि टेस्ट मैच में मिलने वाला हर एक अंक भारत के टेस्ट चैंपियनशिप खिताब जीतने के अभियान को मजबूती देगा। इसलिए भारतीय टीम कही भी कोई गलती नहीं करना चाहती जिससे उन्हें कोई भी नुकसान हो। लेकिन इस वक्त एक ऐसी चीज है जो कप्तान कोहली को परेशान कर रही है। दरअसल युवा विकेटकीपर रिषभ पंत का प्रद्रशन इन दिनों अच्छा नहीं रहा है और ना ही उनका फार्म अच्छा लग रहा है। इसके साथ ही वो आत्मविश्वास में नजर आ रहे है। ऐसे में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पंत के चयन को लेकर कप्तान और कोच परेशान है।

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दरअसल रिषभ पंत को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मौके देने को लेकर मैनेजमेंट दो भागों में बंट गया है। टीम के कप्तान और कोच का मानना है कि भारत की घुमावदार पिचों पर पंत को छोड़कर साहा को मौका देना चाहिए। साहा की विकेटकीपिंग पंत से बेहतर है औऱ जिससे भारतीय पिचों पर टीम को इससे मदद मिलेगी। इसके अलावा साहा के पास पिच पर टिककर खेलने का टेंपरामेंट है जो निचले क्रम पर भारतीय टीम की काफी मदद करेगा। साहा चोटिल होने की वजह से लगभग दो साल बाद टेस्ट टीम में वापसी कर रहे है। वेस्टइंडीज दौरे पर भी वो 15 सदस्यीय टीम का हिस्सा थे लेकिन उन्हें आखिरी एकादश में जगह नहीं मिली थी। साहा भारत के लिए कई मौके पर पहले उपयोगी पारियां खेल चुके है। जिसे देखते हुए कप्तान और कोच का उनपर भरोसा होना बनता भी है। इसके अलावा साहा उम्र के इस पड़ाव पर भी है जहां अगर उन्हें मौके नहीं मिले तो उनका करियर खत्म हो सकता है।

गौरतलब है कि जहां कोच रवि शास्त्री और कप्तान विराट कोहली साहा को मौका देने के पक्ष में है। वहीं दूसरी तरफ चयनकर्तां पंत को एक औऱ मौका देना चाहते है। चयनकर्ताओं का मानना है कि पंत अभी युवा है और उनके आत्मविश्वास के लिए उन्हें अभी कुछ और मौका मिलना चाहिए। पंत ने सफेद जर्सी में पिछले कुछ समय में अच्छा प्रदर्शन किया है और चयनकर्ताओं को उम्मीद है कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वो एक एक्स फैक्टर बनकर उभरेंगे। वैसे अगर पंत के टेस्ट कॅरियर पर नजर डालें तो उन्होंने लाल गेंद की क्रिकेट में मौके को भुनाया है। पंत ने पहले इंग्लैंड और फिर ऑस्ट्रेलिया में शतकीय पारी खेलकर अपने आपको साबित किया है। पंत ने बताया है कि अपने दिन वो किसी भी टीम की धज्जियां उड़ा सकते है। पंत एक मैच विनर है और उनके लिए अपने गेम में सुधार करना सबसे जरूरी पहलूं है। पंत को लेकर चयनकर्ता चाहते है कि उन्हें अपनी काबिलियत साबित करने के लिए कुछ मौके मिलें। हालांकि कोच रवि शास्त्री और कोहली पंत के बजाय साहा को अपनी टीम में चुनना चाहते है। 

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जाहिर है रिषभ पंत में हर किसी को टीम इंडिया का फ्यूचर नजर आ रहा है। युवा रिषभ पंत को विकेट के पीछे धोनी का उत्तराधिकारी भी माना जाता है। रिषभ में बल्लेबाजी के साथ साथ विकेटकीपिंग का काफी हुनर भी है। लेकिन रिषभ पंत में जिस चीज की सबसे कमी नजर आ रही है वो है उनकी बल्लेबाजी में अनुशासन का नहीं होना और इसके साथ ही वो अक्सर रिषभ पंत अपना विकेट थ्रो करके चले जाते हैं। ऐसे में पंत को अगर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मौका मिलता है उन्हें इसे आखिरी मौका मानकर अच्छे से भुनाना होगा। वहीं अगर साहा और पंत में से किसी एक को चुनने पर टीम मैनेजमेंट अड़ जाता है तो कई चीजें है जो मायने रखेंगी। जैसे कि पंत भारतीय टीम का भविष्य है। वह अभी युवा है और उन्हें निखारा जा सकता है। वहीं रिद्धिमान साहा अनुभवी है और उनकी विकेटकीपिंग काबिलियत कमाल की है। ऐसा हो सकता है कि ज्यादातर समय उनका अनुभव टीम के काम आएं। लेकिन साहा ज्यादा से ज्यादा 3-4 वर्ष अंतराष्ट्रीय क्रिकेट खेल सकते है। ऐसे में उम्मीद की जानी चाहिए कि भारतीय टीम मैनेजमेंट युवा खिलाड़ियों को तैयार करें। अगर रिषभ पंत को मौके मिलते है और उसके बाद भी वो अपने आपको साबित नहीं कर पाते तो घरेलू क्रिकेट में संजू सैमसन, ईशान किशन, श्रीकर भरत जैसे विकेटकीपर खिलाड़ी है जिन्हें मौके दिए जा सकते है।

दीपक कुमार मिश्रा

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