तारेक फतेह को छोड़िए, और भी तरीकें हैं पाक को साधने के

हमें दुश्मन मुल्क से निपटने के लिए तारेफ फतेह जैसे छद्म नुस्खे आजमाने की बजाए बड़े विकल्पों पर विचार करना चाहिए, वर्ना गैरभरोसेमंद लोगों से भारत को बड़ा नुक्सान उठाना पड़ सकता है।

भारत ने पाकिस्तानी मूल के कनाडाई विवादास्पद पत्रकार को शरण देकर पाकिस्तान को अपने खिलाफ प्रॉक्सी वार छेड़ने का एक बड़ा अवसर दे दिया है। इस मुददे पर मुस्लिम देश भी हम से नाराज हैं। मुस्लिम वर्ल्ड तारेक फतेह को पसंद नहीं करता। इजराइल और ’गे’ समर्थक होने के चलते वह कनाडा में भी अपने लोगों के बीच नापसंदी का कारण बने हुए हैं। पाकिस्तान की जनरल जियाउल हक सरकार के समय मुस्लिम, इस्लाम और पाकिस्तान विरोधी होने के चलते उन्हें अपना वतन छोड़ना पड़ गया था। उसके बाद वह तकरीबन एक दशक तक सऊदी अरब में रहे। फिर कनाडा के टोरंटो में जा बसे। तारेक के यह कहने पर कि वह अस्सी मुल्कों में रह चुके हैं, उनके विरोधी तंज करते हैं कि कनाडा से पहले जिस मुल्क ने उन्हें नागरिकता देने से मना कर दिया उसके खिलाफ हो गए। कनाडा में तंग किए जाने पर वह भारत चले आए हैं। यदि भारत में भी भाव नहीं मिला तो दो राय नहीं कि वह इसके मुखालिफ भी आग उगलने लगेंगे। पाकिस्तान उन्हें भारत का एजेंट बताता है। तारेक फतेह गाहे-बगाहे भारतीय टीवी चैनलों पर भी आते रहते हैं। उन्होंने भारत के भीतरी मामलों में भी टीका-टिप्पणी शुरू कर दी है। हाल में दिल्ली से सटे फरीदाबाद की एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में उन्होंने एक महिला केंद्रीय मंत्री को हड़का दिया था।

रहा सवाल तारेक फतेह के पाकिस्तान विरोधी होने का, तो उससे किसी भारतीय का कोई लेना-देना नहीं होना चाहिए। मगर उनके भारत में रहकर मुसलमान एवं इस्लाम विरोधी बातें करने से मुस्लिम देश ही नहीं भारतीय मुसलमान भी खासे नाराज हैं। इससे मोदी सरकार की छवि को धक्का पहुंचा है। पाक का चर्चित टीवी चैनल ’बोल’ अपने कार्यक्रम ’ऐसे नहीं चलेगा’ में इसे खूब हवा दे रहा है। रोजाना कार्यक्रम के माध्यम से तारेक फतेह की आड़ में भारत और इसके हुक्मरानों के खिलाफ गाली-गलौज की भाषा इस्तेमाल की जा रही है। इसके एंकर डॉक्टर आमिर लियाकत की बातें लंपटों जैसी होती हैं। इस्लाम, पाकिस्तान और भारत के बारे में अपनी जानकारियों का वह इसके लिए इस्तेमाल करते हैं। एंकर की भारतीय फिल्मों और हिंदुस्तान मीडिया पर भी पैनी निगाह बनी हुई है। भारतीय चैनलों पर इस्लाम, पाकिस्तान एवं मुसलमानों के बारे में तारेक फतेह द्वारा कही गई बातों का कार्यक्रम में जवाब देने का प्रयास किया जाता है। इस दौरान भारतीय न्यूज चैनलों की खबरों की क्लीपिंग्स तोड़-मरोड़ कर पेश की जाती हैं। ’ऐसे नहीं चलेगा’ की एक कड़ी में बॉलीवुड अदाकार ओमपुरी की मौत को हत्या बताकर भारतीय मीडिया में सनसनी फैलाने की कोशिश की गई थी। ’सोनी’ टीवी के ’बिग बॉस’ कार्यक्रम में भाग लेने वाले स्वामी ओम के हवाले से हिंदुवादी संगठनों द्वारा बॉलीवुड स्टार सलमान खान की हत्या कराने के षड़यंत्र रचने की बेसिर पैर की रिपोर्ट भी पेश की जा चुकी है। कार्यक्रम में भारत के एक न्यूज चैनल को भारतीय खुफिया एजेंसी का मीडिया विंग बताया जाता है। तकरीबन हर शो में भारत, रॉ, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, भारतीय सेना को लेकर अनर्गल बातें कही जाती हैं। पाकिस्तानी न्यूज चैनल ’जीओ’ और उसके चर्चित पत्रकार हामिद मीर को भी रॉ एजेंट बताने से नहीं चूकता।

पाक का नंबर वन टीवी शो का दावा करने वाले कार्यक्रम ’ऐेसे नहीं चलेगा’ में तारेक फतेह का जिक्र करते समय मर्यादा की तमाम हदें लांघ दी जाती हैं। हाल में तारेक ने एक न्यूज चैनल पर पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना की शादी और बंटवारे के समय एक पाकिस्तानी लीडर को लेकर सवाल उठाए थे। पाक के कार्यक्रम में उन्हें ’जाहिल’ करार देते हुए कई अर्ध कच्चे तथ्य प्रस्तुत किए गए। एंकर दावा करता है कि भारत के चैनल ’आजतक’ से उसे तारेक फतेह संग डिबेट का निमंत्रण मिला हुआ है, पर फतेह उससे बहस करने से भाग रहे हैं। उनके बीच ट्वीट के जरिए विवाद भी हो चुका है। डॉक्टर आमिर लियाकत ने अपने कार्यक्रमों के माध्यम से तारेक की उस दलील को झुठलाया है, जिसमें कहा गया था कि सऊदी हुकूत ने मुसलमानों के आखिरी पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब के पुश्तैनी मकान ढहा दिए हैं।

एक रिपोर्ट में दिखाया गया कि हजरत साहब के एक मकान के अवशेष आज भी यथावत हैं और दूसरे में लाइब्रेरी चल रही है। भारत के ’जी’ चैनल पर तारेक फतेह का कार्यक्रम आता है ’फतेह का फतवा’। इसके एक एपीसोड में उन्होंने मुस्लिम कम्यूनिटी से पर्दा प्रथा समाप्त करने, महिला अधिकारों एवं महिला सम्मान की बातें कहीं थीं। जवाब में ’ऐसे नहीं चलेगा’ के एक एपीसोड में क्लीपिंग दिखाकर पर्दानशीं औरतों को तारेक द्वारा ’हेजाबी आंटियां’ कहने की खूब आलोचना की गई। कार्यक्रम के सारे एपीसोड ’यूट्यूब’ पर भी डाले जाते हैं। ’बोल’ के कार्यक्रम को देखकर लगता है कि यह पाक खुफिया एजेंसी इंटर सर्विस इंटेलिजेंस का हैंडलर है क्योंकि आईएसआई आतंकी संगठन ’तहरीके तालिबान पाकिस्तान’ को रॉ का हिमायती बताता है और कार्यक्रम में इसे सही साबित करने की कोशिश की जाती है।

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल का हाल में कंधार हाई जैक मामले में एक बयान आया है, जिसको लेकर पाक टीवी शो में कई आपत्तिजनक बातें कही गईं हैं। डोभाल को नशाखोर तक कहा गया। उन्हें कमतर साबित करने को एक एपीसोड में कहा गया कि भेष बदल कर सात वर्षों तक उनके पाकिस्तान में रहने की जानकारी पाक सरकार को थी। उन्हें केवल इसलिए छुट्टा घूमने दिया गया, ताकि पता लगाया जा सके कि अपने मुल्क में कौन-कौन भारत हितैषी हैं। वे सारे चेहरे अब बेनकाब हो चुके हैं। बहरहाल, हमें दुश्मन मुल्क से निपटने के लिए तारेफ फतेह जैसे छद्म नुस्खे आजमाने की बजाए बड़े विकल्पों पर विचार करना चाहिए, वर्ना गैरभरोसेमंद लोगों से भारत को बड़ा नुक्सान उठाना पड़ सकता है।

- मलिक असगर हाशमी

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